क्या आपको याद है कि 18 फरवरी 2007 की रात क्या हुआ था? नहीं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर उस रात क्या हुआ था।
18 फ़रवरी 2007 भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलनेवाली समझौता एक्सप्रेस में एक बम धमाका हुआ जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग घायल हुए. उस रविवार ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. उस धमाके में मारे जानेवालों में ज़्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे.इस समझौता एक्सप्रेस को 2001 के संसद हमले के बाद से बंद कर दिया गया था जिसे जनवरी 2004 में फिर से शुरू किया गया था.इस घटना की दोनों मुल्कों में कड़ी निंदा हुई.

इस धमाके में भारत ने दिल्ली से सात पाकिस्तानी घायलों को ले जाने के लिए पाकिस्तानी वायु सेना के विमान को आने की आज्ञा भी दी.
18 फरवरी 2007 की ये वही रात थी जब समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में ब्लास्ट हुआ था। दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हो गई थी। ये ब्लास्ट हरियाणा के पानीपत में चांदनी बाग थाने के गांव सिवाह के करीब दीवाना स्टेशन के पास हुआ था। धमाके के बाद ट्रेन में आग गई थी। इतनी बड़ी वारदात के बाद भी मौके से जिंदा IED बम बरामद किए थे।
इस ब्लास्ट में मारे गए 68 लोगों में से 43 पाकिस्तानी, 10 भारतीय नागरिक और 15 अन्य लोग थे। धमाके में मारे गए इन 68 लोगों में से 64 आम यात्री और 4 रेलवे के अधिकारी थे। दिल्ली से रात के 10.50 बजे रवाना हुई समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में कुल 16 कोच थे। ब्लास्ट करने के लिए 4 IED प्लांट किए गए थे, लेकिन ब्लास्ट सिर्फ दो ही हुए थे। पुलिस ने बाद में 2 जिंदा IED बम बरामद किए थे। IED के लिए ट्रेन के 2 अनारक्षित कोचों को निशाना बनाया गया था।
ब्लास्ट के बाद शुरुआत में हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन जुलाई 2010 को करीब धमाके के ढाई साल बाद केस NIA को सौंप दिया गया था। समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पहली चार्जशीट 2011 में फाइल की गई थी। इसके बाद 2012 और 2013 में भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गईं। इस पूरे मामले में आठ लोग आरोपी थे, लेकिन ट्रायल का सामना चार लोगों ने ही किया। बाद में उन्हें भी अदालत ने बरी कर दिया।