आज पूरे देश-दुनिया में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अयोध्या मंदिर की चर्चा है। लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड में स्थित भगवान राम के उस पौराणिक मंदिर की जानकारी देने जा रहे हैं
Rameshwar Dham Uttarakhand; आज पूरे देश-दुनिया में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अयोध्या में जन्म स्थान पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल रहे मंदिर की चर्चा है। लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड में स्थित भगवान राम के उस पौराणिक मंदिर की जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने स्वयं यहां रामेश्वरम(Rameshwaram) की तर्ज पर शिव लिंग की स्थापना की थी। इसीलिये इस स्थान का नाम भी रामेश्वर है। कहते हैं कि यहीं भगवान राम ने अपने भाइयों के साथ गुरु वशिष्ठ के आश्रम में शिक्षा प्राप्त की थी।
बता दे रामेश्वर धाम उत्तराखंड में पिथौरागढ़(Pithoragarh) जिले मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर पहले घाट - पनार के बीच रामगंगा और सरयू नदी के संगम पर स्थित है। कहते हैं कि इस स्थान पर सरयू और रामगंगा के अलावा पाताल भुवनेश्वर से निकली गुप्त गंगा का संगम भी होता है। यही नहीं स्कन्द पुराण के मानस खंड में कूर्मांचल के रामेश्वर माहात्म्य में वर्णित है कि भगवान राम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। कहा गया है कि यहां स्थित शिव लिंग के पूजन से काशी विश्वनाथ के पूजन की अपेक्षा दस गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है ।
इतना ही नहीं सेतुबंध रामेश्वर में जब भगवान श्री राम ने शिव लिंग की स्थापना करनी चाही तो उन्होंने श्री हनुमान जी को कैलाश पर्वत पर भेजकर शिवलिंग लाने के लिए कहा किन्तु शुभ मुहूर्त निकल जाने और हनुमान जी के शिवलिंग लाने पर देरी हो जाने पर श्री राम ने बालू से रामेश्वर में शिवलिंग की स्थापना की और बाद में अपनी नर लीला समाप्त करने से पूर्व स्वर्ग जाने से पहले 72 यज्ञ सम्पन्न करने के पश्चात यहां पर जन कल्याण के लिये शिवलिंग प्रतिष्ठित किये ।
और तो और स्कन्दपुराण(Skandapuran) में इस बात का भी जिक्र है कि अयोध्या के राजकुमारों यानी राम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न की शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा के लिये ब्रह्मा के पुत्र वशिष्ठ का चयन किया गया। जिस पर गुरु वशिष्ठ ने राजकुमारों की शिक्षा के लिये हिमालय की घाटियों का भ्रमण शुरू किया। तब उन्हें सरयू और रामगंगा के इस संगम पर भगवान विष्णु के चरण चिन्ह मिले। और यहीं वशिष्ठ ने आश्रम की स्थापना की। तो कुछ ऐसा है उत्तराखंड का रामेश्वर धाम ...