भारत और श्रीलंका का इतिहास काफी पुराना है. अब दोनों देशों को जमीन से जोड़ने की प्लानिंग हो रही है. समुद्र में इसके लिए पुल बनाया जाएगा.श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इसकी पुष्टि की है.
Like Ram Setu, a bridge will be built again between India and Sri Lanka : भारत और श्रीलंका का इतिहास काफी पुराना है. अब दोनों देशों को जमीन से जोड़ने की प्लानिंग हो रही है. समुद्र में इसके लिए पुल बनाया जाएगा. श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच प्रस्तावित भूमि संपर्क को लेकर सर्वे अंतिम चरण में है. उत्तर-पूर्वी जिले मन्नार में श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने विकास कार्यों का जायजा लिया और कहा कि योजना की संभावनाओं के अध्ययन का पहला चरण पूरा हो चुका है और आखिरी चरण भी जल्दी पूरा हो जाएगा. वहीं, शनिवार को श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 20 जून को कोलंबो का दौरा करेंगे. हालांकि, अभी तक भारत की तरफ से कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है.
पीएम मोदी से चर्चा के बाद तय हुआ था प्रस्ताव(The proposal was decided after discussion with PM Modi)
अगर विदेश मंत्री का ये दौरा तय होता है तो नई सरकार बनने के बाद यह उनका पहला दौरा होगा. इस दौरान दोनों देशों को सड़क मार्ग से जोड़ने के प्रस्ताव और पावर ग्रिड कनेक्शन की संभावना पर चर्चा होगी. बता दें कि जुलाई 2023 में भारत दौरे के दौरान विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की थी. इस दौरान दोनों देशों के बीच पुल के विकास पर बातचीत हुई.उस समय केंद्र सरकार ने कहा था कि भूमि संपर्क का प्रस्ताव श्रीलंका ने दिया था.
रामायण काल में बनाया गया था राम सेतु (Ram Setu was built during Ramayana period)
इस प्रस्ताव में भारत से श्रीलंका के त्रिंकोमाली और कोलंबो बंदरगाहों तक भूमि संपर्क बनाना शामिल है. अगर भारत और श्रीलंका के बीच पुल बनता है तो यह रामायण काल के बाद पहली बार होगा. धार्मिक ग्रंथ रामायण में वर्णन है कि भगवान राम ने श्रीलंका जाने के लिए समुद्र पर पुल बनाया था, जिसे रामसेतु के नाम से जाना जाता है. वहीं, श्रीलंका की मीडिया में खबर है कि श्रीलंकाई जल में अवैध रूप से भारतीयों के मछली पकड़ने के विवादास्पद मुद्दे को भी उठाया जाएगा, जिसमें बॉटम ट्रॉलिंग भी शामिल है. पाक जलडमरूमध्य तमिलनाडु को श्रीलंका से अलग करने वाली पानी की एक संकरी पट्टी है, जो दोनों देशों के मछुआरों के लिए मछली पकड़ने का एक समृद्ध क्षेत्र है. यहां दोनों देशों के मछुआरों को अनजाने में एक-दूसरे के जल में प्रवेश करने के लिए अक्सर गिरफ्तार भी किया जाता है.यह मुद्दा काफी विवादस्पद है, इसलिए इस पर भी चर्चा होनी है.