पानी..की जरूरत हम इंसान को ही नही ब्लकि जीव जन्तु, पेड़ पौधे सबको होती है। आज विश्व जल दिवस पर पानी के महत्व को समझना बहुत जरूरी है।
पानी..एक अदृश्य तत्व जिसका ना तो कोई रंग है और ना ही कोई स्वाद लेकिन जब हमें प्यास लगती तब इसी पानी को पीकर कितना आराम मिलता है ना..वैसे तो हम हर खाने पीने की चीज में स्वाद ढूँढते है लेकिन बिना स्वाद का ये पानी हमें कितना आराम पहुँचा जाता है। मान लिजिए एक दिन ऐसा आया जब ये पानी ही धरती से खत्म हो जाए तब क्या हो...आपने वो सुना है...जल ही जीवन है..अब इसे समझाने की जरूरत तो नही है..आप एक बार बोलकर देखिए..आप खुद समझ जाएंगे। पानी..की जरूरत हम इंसान को ही नही ब्लकि..जीव जन्तु..पेड़ पौधे..सबको होती है। पैड़ पौधे कैसे फलते फूलते है...पानी से...हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन (oxygen) कहा से मिलती है पेड़ पौधो से...मतलब साफ है कि पानी है तो पेड़ पौधे है और पेड़ पौधे है तो हम है। पानी के बिना हम जिवित ही नही रह पाएंगे। पहाड़ो में घूमने का शौक आप में से कितनो को है...सुंदर सुंदर वादिया...हरे भरे नजारे...कितने सुंदर लगते है...मान लिजिए पानी ही ना रहा...तो? चलिए आपको बता दे कि आज विश्व जल दिवस है...अंग्रेजी में बोलें तो world water day..और इस साल की जो थीम है वो है..groundwater: making the invisible visible…हर साल आज ही के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है...ताकि पानी का महत्व हमें पता चल सके। विश्व जल दिवस की शुरूआत हुई थी 1993 में। यानी की इतने साल पहले से ही हमें पानी का महत्व बताया जा रहा है..लेकिन हम इंसान पानी का महत्व समझने को ही तैयार नही है। हम आज के इस दिन...एक प्रण तो ले ही सकते है कि हम सब आज से ही पानी का महत्व समझेंगे और इसे बचाने की कोशिश करेंगे।
चलिए अब इतिहास के कुछ पन्नों की तरफ आपका रूख करवाते है।
ये बात है साल 1992 की... ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण (environment) और विकास मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक सम्मेलन आयोजित किया गया और उसी दौरान विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। इसके बाद साल 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था, जिसके बाद से हर साल 22 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है।
कभी सोचा है हम कितना पानी बरबाद करते है। अगर हम अभी से पानी की बचत करना नही सिखेंगे..तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या समझाएंगे कि पानी को सेव मत करो..बर्बाद करो..क्या ये सिखाएंगे। अगर हमने अभी सेव वॉटर की पहल नही की..तो भविष्य में कितना संकट पैदा हो सकता है..कभी गौर किया है। सेव वॉटर सेव लाइफ (save water save life) ना जाने कितना जगह आपने पढ़ा होगा सुना होगा..तो ये सिर्फ पढ़ने या सुनने के लिए नही है..इसे हमे अपना असल जिंगदी में भी लागू करना होगा..क्योकि इसकी presence अभी हमें महसूस नही हो रही है..लेकिन कल को जब इसी पानी का हर जगह अकाल पड़ा रहेगा तब इसका महत्व हमे महसूस होगा।