संविधान निर्माता डॉ. बीआर अम्बेडकर के बारे मे कुछ रोचक जानकारियाँ

शायद आपको पता हो या न हो की डॉ. बीआर अम्बेडकर ने 64 विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की. साथ ही वो 9 भाषाएं जानते थे. और 21 सालों तक उन्होंने दुनिया भर में अध्ययन किया था.

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भारत के सम्विधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जिनको बाबासाहेब अम्बेडकर कहा जाता है उनका 6 दिसंबर के दिन ही 1956 को निधन हुआ था. और आज उनकी 65वीं पुण्यतिथि ही है.बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. वो अपने माता-पिता की 14वीं संतान थे. बाबासाहेब अम्बेडकर भारत के एक अर्थशास्त्री और शिक्षाविद थे. डॉ. बीआर अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के लिए अपना संविधान बनाने वाली समिति के अध्यक्ष थे. स्वतंत्रता के बाद भारत के कानून मंत्री भी रहे थे. उन्होंने अपने जीवन में दलितों की आवाज प्रमुखता से उठाई. यह सब तो वो बातें हैं, जो करीब-करीब सभी जानते हैं लेकिन आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर आपको उनके बारे में कुछ रोचक बाते भी बताते हैं.

शायद आपको पता हो या न हो की डॉ. बीआर अम्बेडकर ने 64 विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की. साथ ही वो 9 भाषाएं जानते थे. और 21 सालों तक उन्होंने दुनिया भर में अध्ययन किया था. ये भी एक गर्व करने की बात है की डॉ. बीआर अम्बेडकर डॉक्टरेट की पढ़ाई करने वाले पहले भारतीय थे. उनको किताबों से इतना प्यार था की उस समय उनकी अपनी निजी लाइब्रेरी थी जिसका नाम "राजगीर" था और उस लायब्रेरी में 50 हजार से ज्यादा किताबे थी, जो उस समय दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी थी. ये भी कहा जाता है की अम्बेडकर ने साल 1956 में बौद्ध धर्म अपना लिया था.

उनकी 20 पन्नों की आत्मकथा "वेटिंग फॉर ए वीजा" को आज भी कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाया जाता है. डॉ. बीआर अम्बेडकर आज तक के एकमात्र एसे भारतीय हैं, जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स के साथ लगाई गई है. साथ ही वो उस समय दुनिया भर में एकमात्र एसे सत्याग्रही थे, जिन्होंने पीने के पानी के लिए सत्याग्रह किया था. ये तो आप जानते ही होंगे की दुनिया भर में भगवान बुद्ध की सभी पेंटिंग और मूर्तियों में उनकी आंखें बंद हैं, लेकिन अंबेडकर पहले एसे व्यक्ति थे, जिन्होंने खुली आंखों वाली भगवान बुद्ध की पेंटिंग बनाई थी. वह पिछड़ी जाति के पहले वकील थे. उनका मूल उपनाम अंबावडेकर था, जिसे स्कूल में उनके शिक्षक ने बदलकर अम्बेडकर कर दिया था. और उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है.

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