आज 18 अप्रैल है, और हर साल की तरह आज भी पूरी दुनिया विश्व विरासत दिवस या वर्ल्ड हेरिटिज डे मना रही है।आज का दिन देश की संस्कृति और विरासत के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है।
World Heritage Day 2023: आज 18 अप्रैल है, और हर साल की तरह आज भी पूरी दुनिया विश्व विरासत दिवस(world heritage day) मना रही है। पूरी दुनिया में सैंकड़ों देश हैं लेकिन हर एक देश एक दूसरे से अलग है और एक देश को दूसरे देश से अलग करती है वहाँ की संस्कृति, वहां के लोग और उनकी विरासत। तो आज का दिन उसी संस्कृति और विरासत के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। साथ ही यह इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि समय के साथ लोग अपनी संस्कृति और विरासत के बारे में भूलते जा रहे हैं , और ऐसे में यह बेहद ज़रूरी हो जाता है की लोगों को उनकी संस्कृति के बारे में बताया जाए।
अब बात करते हैं वर्ल्ड हेरिटेज डे की , तो वर्ल्ड हेरिटेज डे मानाने का प्रस्ताव सबसे पहले International Council on Monuments and Sites ने unesco के सामने 1982 में रखा था। जिसके बाद 1983 में Unesco ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और तबसे हर साल 18 अप्रैल के दिन हम वर्ल्ड हेरिटिज डे मनाते हैं। तो चलिए नजर डालते हैं उत्तराखंड(Uttarakhand) और देश भर की कुछ मुख्य हेरिटिज साइट्स(heritage sites) पर:
उत्तराखंड-
उत्तराखंड में आधिकारिक तौर पर 2 unesco वर्ल्ड हेरिटिज साइट हैं। और वो दोनों चमोली(chamoli) में हैं, जो कि वैली ऑफ़ फ्लावर्स(valley of flowers) और नंदा देवी पर्वत(Nanda Devi mountain) की चोटी के रूप में जानी जाती है। चमोली में स्थित वैली ऑफ़ फ्लावर्स उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। ऐसा माना जाता है की इस जगह की खोज तीन ब्रिटिश पर्वतारोहियों(british climbers) ने की थी, वह चलते चलते भटक गए थे और गलती से यहाँ पहुँच गए और उन्होंने जैसे ही इस जगह को देखा तो उन्हें लगा जैसे वह जन्नत में आ गए हैं। आपको बता दें की 87 स्क्वायर किलोमीटर में फैली हुई इस वैली में 600 से ज़्यादा फूलों की प्रजातियां हैं। अब बात करते हैं नंदा देवी पीक की, तो यह भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। इसकी उचाई 7816 मीटर है और इस चोटी की सांस्कृतिक और धार्मिक तौर पर काफी महत्वता है। इसकी सुंदरता को देखने देश विदेश से कई पर्वतारोही आते हैं। अब बात करते हैं की देश भर में 5 सबसे लोकप्रिय वर्ल्ड हेरिटेज साइट कौनसी हैं।
ताज महल:
इनमे सबसे पहले बात करेंगे वर्ल्ड फेमस ताज महल(taj mahal) की। ताज महल को शाहजहां(shah jahan) ने अपनी पत्नी मुमताज़(mumtaz) की याद में बनवाया था, और इस वजह से दुनिया भर में इसको प्यार की एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है। हर साल करोड़ों लोग देश विदेश से यहाँ आते हैं, और संगमरमर(marble) से बने इस अद्भुत स्मारक के साथ अपनी फोटो खिचवाते हैं। जानकारी के लिए बात दें की ताज महल को 1982 में एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला था।
एल्लोरा केव्स:
भारत के लोग साइंस और culture में काफी आगे थे लेकिन क्या आपको यह पता है की भारत के लोग architecture के क्षेत्र में भी किसी से कम नहीं है, और इसका सबसे सटीक उदाहरण है एलोरा की गुफ़ाएं(Ellora Caves)। महाराष्ट्र(maharashtra) के औरंगाबाद(Aurangabad) में स्थित यह एलोरा केव्स में कई मंदिर हैं जो पत्थरों को तोड़ के बनाये गए हैं। मतलब यह जो केव सिस्टम(cave system) है, यह पहले एक बहुत बड़ा पत्थर या कह लीजिये चट्टान थी , जिसको लोगों ने हथोड़े और छेनी से अकार दिया है, जो अपने में एक बहुत बड़ी बात है।
जंतर मंतर:
राजस्थान(rajasthan) जयपुर(jaipur) में स्थित यह स्मारक सिर्फ एक बिल्डिंग या स्ट्रक्चर नहीं बल्कि एक वर्किंग observatory है , जी हाँ 18वी सदी में बनी इस ऑब्जर्वेटरी को जयपुर के राजा, महाराज जय सिंह(Maharaj Jai Singh) ने बनवाया था। यहाँ लगभग 20 मेन इंस्ट्रूमेंट्स(instruments) हैं वह अलग अलग प्रकार के astronomical observation के लिए हैं, और सच में यह जगह भारत के आर्किटेक्चर(Architecture) के साथ ही भारत की साइंस के क्षेत्र में रुचि और क्षमता को दर्शाता है।
कोणार्क सूर्य मंदिर:
अब हम बात करेंगे ओड़िशा(Odisha) के कोणार्क(Konark) में स्थित sun temple की, तो इसको नरसिंघ देव(Narsingh Dev) नाम के एक राजा ने 13वीं शताब्दी में बनवाया था। और यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है, और इस मंदिर के आर्किटेक्चर से देखा जा सकता है की भारत के लोग उस समय ही architecture में मास्टर कर चुके थे और सिर्फ architecture ही नहीं बल्कि आपको इस मंदिर में cosmology के निशान भी देखने को मिलेंगे।
महाबोधि मंदिर:
अब बात करेंगे आज की आखरी साइट के बारे में, और वह है महाबोधि मंदिर(Mahabodhi Temple) जो कि बोधगया(bodh gaya) में स्थित है। इस मंदिर में भी देखा जा सकता है की भारत का architecture बाकी सभी देशों से कितना आगे था, और साथ ही इस मंदिर का बौद्ध धर्म में भी बेहद महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है इसी मंदिर में गौतम बुद्ध(Gautam buddha) ने सिद्धि प्राप्त की थी। जिस वजह से बौद्ध धर्म(Buddhism) के लोग भी यहाँ आते हैं। तो यह थी भारत की कुछ वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स जो दर्शाती है कि भारत हज़ारों सालों से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में से एक रहा है।