24 घंटे के भीतर दो प्रतिद्वंदियों के बीच हुई बातचीत ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. और गोविन्द कुंजवाल के बयान के बाद प्रदेश की सियासत में बड़ा फेरबदल होने के संकेत नज़र आ रहे हैं.
देहरादून. उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों बड़ी हलचल देखने को मिल रही है, नेताओ की एक दूसरे से बातचीत और मुलाकात के अलग अलग मायने निकाले जा रहे हैं. आज देहरादून में विजय बहुगुणा हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काउ, सुबोध उनियाल से भी मुलाकात करेंगे, यशपाल आर्य के कांग्रेस में चले जाने से भाजपा की बेचैनी बढ़ी हुई है. और वो किसी भी कीमत पर कांग्रेस पृष्ठभूमि से आये इन नेताओ को मनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी सियासत का शतरंज खेलना शुरू कर दिया है. कहा जाता है कि राजनीति में कोई परमानेंट दुश्मन नहीं होता और ना कोई दोस्त होता है. इसीलिए पिछले 4 साल से जिन नेताओं में 36 का आंकड़ा था, वह आजकल एक दूसरे के करीब आ रहे हैं. जहां पहले एक दूसरे पर निशाना साधते थे, उनमे बातचीत का दौर शुरू हो गया है, हालाँकि ये बात फिलहाल सियासी नहीं है. लेकिन मुद्दों के सहारे शुरू हुई बातचीत कब सियासी रूप में बदल जाए, इसकी बात की किसको क्या खबर.
अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले नेताओं की बातचीत होने लगी है, यह बातचीत है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच. हरक सिंह रावत कोटद्वार से विधायक है, और प्रदेश की सियासत में बड़ा कद रखते हैं. साल 2016 में भाजपा में चले गए थे और जिसके बाद हरीश रावत की सरकार अल्पमत में आ गई थी. उनके इस कदम को हरीश रावत ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया था, और लगातार हरक सिंह रावत पर निशाना साधते रहते हैं. लेकिन इन दिनों हरीश रावत का रुख भी हरक सिंह रावत के प्रति थोड़ा नरम हुआ है.
हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल यशपाल आर्य और हरीश रावत के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. जिसके 24 घंटे भीतर ही दोनों के बीच दूसरी बार बातचीत होने से फिर सियासी माहौल गरमा गया है. आपको बता दे कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत सोमवार को पीटकुल कार्मिकों के धरना स्थल पर पहुंचे थे, जहां हरीश रावत ने ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से बातचीत की थी, और कार्मिको के मामले को हल करने के लिए भी कहा था.
डॉ हरक सिंह रावत अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं. और अब कांग्रेस के नेताओं से चल रही वार्ता के जरिए सुर्खियों में बने हुए हैं. मामला यहीं नहीं थमा. अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने दावा किया है कि हरक सिंह रावत को कांग्रेस में लाने की कोशिश की जा रही है. और उनके साथ पूरा हेमा कांग्रेस में आएगा. साथ ही उन्होंने कहा उनके संपर्क में 6 विधायक हैं जो जल्द ही कांग्रेस में आएंगे, कुंजवाल ने खुलासा करते हुए कहा कि हरीश रावत पहले बागियों को कांग्रेस में आने पर नहीं मान रहे थे, लेकिन अब उनका रुख बदल गया.
24 घंटे के भीतर दो प्रतिद्वंदियों के बीच हुई बातचीत ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. और गोविन्द कुंजवाल के बयान के बाद प्रदेश की सियासत में बड़ा फेरबदल होने के संकेत नज़र आ रहे हैं. साथ ही देहरादून में हो रही विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काउ और सुबोध उनियाल की इस मुलाकात ने राजनितिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी है.