कोविड संक्रमण के चलते चुनावी सभाओं पर फिलहाल रोक लगी हुई है. एक फरवरी से 12 फरवरी तक राजनीतिक दल या नेता अपनी जनसभाएं कर सकेंगे.
देहरादून. कोरोना काल में चुनाव कराना उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है. कोविड संक्रमण के चलते चुनावी सभाओं पर फिलहाल रोक लगी हुई है। आयोग ने जहां 31 जनवरी तक जनसभा, रैलियों, रोड शो पर रोक बढ़ा दी है। साथ ही यह भी तय कर दिया है कि एक फरवरी से 12 फरवरी तक राजनीतिक दल या नेता अपनी जनसभाएं कर सकेंगे। आयोग ने राजनीतिक दलों को खुले मैदान में अधिकतम 500 लोगों की मौजूदगी में वीडियो वाहन से प्रचार की अनुमति दे दी है।
उत्तराखंड में सभी दलों, नेताओं की फिजिकल रैलियों, रोड शो पर रोक 31 जनवरी तक बढ़ा दी है। आयोग ने दलों व प्रत्याशियों को एक फरवरी से 12 फरवरी के बीच जनसभाएं करने की इजाजत दी है। ये जनसभाएं खुले स्थान पर करनी होंगी, जिनमें अधिकतम 500 या उस ग्राउंड की क्षमता के 50 प्रतिशत लोग ही शामिल हो सकेंगे। वहीं आयोग ने डोर-टू-डोर प्रचार में भी राहत दी है।
आयोग ने अब पांच के बजाए दस लोगों के साथ डोर-टू-डोर प्रचार की अनुमति दे दी है। चुनाव आयोग की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, कोई भी राजनैतिक दल या प्रत्याशी किसी भी खुले स्थान पर वीडियो वाहन की सहायता से प्रचार कर सकता है। यहां भी अधिकतम 500 या उस मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत लोग ही शामिल हो सकेंगे।