राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में जा चुकी है. वहीं कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट पर बगावत के आसार साफ नजर आ रहे हैं.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में जा चुकी है. वहीं कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। नैनीताल जिले की रामनगर विधानसभा सीट पर बगावत के आसार साफ नजर आ रहे हैं.
हरीश रावत के रामनगर से प्रत्याशी के रूप में आने पर अब रामनगर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बग़ावती तेवर साफ दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में हरीश रावत के लिए रामनगर विधानसभा चुनाव अब चुनौती बनती जा रही है।
रामनगर सीट पर कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी अब सतह पर आ गई है. सल्ट के पूर्व विधायक कांग्रेस के मौजूदा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रंजीत रावत रामनगर विधानसभा सीट के लिए खुलकर दावेदारी की है. वहीं सोमवार को रामनगर के नगर पालिका चेयरमैन व पूर्व वक्फ बोर्ड अध्यक्ष हाजी अकरम नामांकन फॉर्म लेने पहुंचे। उन्होंने कहा वह पूरी तरह से रणजीत रावत के समर्थन में हैं. अगर उन्हें टिकट नहीं दिया जाता, तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वहीं किशोरी लाल ने भी कहा है कि अगर रणजीत रावत का टिकट काटा जाता है तो वह निर्दलीय मैदान में आएंगे। वैसे हरीश रावत की नैया कैसे पार होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
गुटबाजी का एक नमूना बीते रविवार को देखने को मिला। जब एक ऑडियो वायरल हुई. उस ऑडियो में हरीश रावत रामनगर के कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से फोन पर बातचीत कर रहे हैं. जिसमें वह लोगों की राय जानने की कोशिश कर रहे हैं. उस ऑडियो में कार्यकर्ताओं ने खुलकर रणजीत रावत को समर्थन करने की बात कही है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस रामनगर विधानसभा सीट में उपजे इस विवाद को किस तरह से खत्म करती है. क्योंकि इस चुनौती को थामना मुश्किल दिखाई दे रहा है. क्योंकि रणजीत रावत और हरीश रावत का खेमा पूरी तरह से एक दूसरे के खिलाफ मजबूती से खड़ा हुआ है.