कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। अभी पंजाब कांग्रेस में तनातनी चल रही है तो वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस के भीतर मतभेदों का दौर शुरू हो गया है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव बिलकुल नजदीक आ गए है. और अभी भी उत्तराखंड कांग्रेस में कलह कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है. हरीश रावत ने बुधवार को सोशल मीडिया के जरिए उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं पर साथ न देने का आरोप लगाया। जिसके बाद प्रदेश में राजनितिक ड्रामा शुरू गया, और बात देहरादून से दिल्ली तक पहुँच गई. पंजाब में कांग्रस में फूट के बाद कांग्रेस आलाकमान किसी प्रकार का जोखिम लेने के मूड में नहीं है.
शुक्रवार को पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोडियाल, कांग्रेस नेता यशपाल आर्या और सीएलपी पार्टी के नेता प्रीतम सिंह को दिल्ली तलब किया गया है। हरीश रावत शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली पहुंचकर वह कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान हरीश रावत के मसले को लेकर कोई हल निकाल सकती है।
कांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। अभी पंजाब कांग्रेस में तनातनी चल रही है तो वहीं उत्तराखंड में भी कांग्रेस के भीतर मतभेदों का दौर शुरू हो गया है। अब हरीश रावत के ट्वीट से ना सिर्फ उत्तराखंड की बल्कि देश की राजनीति में भी भूचाल आ गया।
हरीश रावत ने कई सारे ट्वीट कर संगठन की कार्यशैली और नेतृत्व पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। हर कोई सोचने को मजबूर है कि आखिर हरीश रावत, जो कुछ महीने पहले तक पंजाब में कांग्रेस की कलह को दूर करने में अहम भूमिक निभा रहे थे, वो अब खुद बाग़ी तेवर क्यों दिखा रहे हैं.
राजनितिक गलियारे में चर्चा है कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और हरीश रावत का तालमेल एक पटरी पर नहीं बैठ पाया है. जिस लेकर दोनों में नाराजगी है. हाईकमान के सामने हरीश रावत खुलकर अपनी बात पार्टी के सामने रख सकते हैं. वहीं हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस के लिए जरूरी है. इस बात को पार्टी आलाकमान बेहतर तरीके से जानता है. ऐसे में हरीश रावत को नाराज करने का खामियाजा कांग्रेस आलाकमान नहीं भुगत सकता।
साथ ही कांग्रेस भी पंजाब के सियासी प्रकरण के बाद हरीश रावत को अमरिंदर समझने की भूल नहीं करेगी. क्योंकि अमरिंदर के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी थीं. और हरीश रावत लगातार विपक्ष में रहकर संघर्ष कर रहे हैं.
वहीं कुछ राजननीतिक पंडितों का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के चेहरा को लेकर घोषणा के लिए परपंच रचा गया है. और कल दिल्ली में वेणुगोपाल की मीटिंग में हरीश रावत को मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर द्वन्द ख़त्म हो जाएगा। और हरीश रावत को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया जायेगा।
आपको बता दें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके समर्थक उन्हें चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग करते रहे हैं। जबकि पार्टी चुनाव सामूहिक नेतृत्व के साथ मैदान में जाना चाहती है.