अब कांग्रेस के बागियों ने पार्टी की बढ़ाई चिंता, निर्दलीय मैदान में आने का लिया फैसला

से ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की तो लिस्ट में छूटे नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। भाजपा के बाद कांग्रेस के नेताओं की बगावत से समीकरण बदलने लगे हैं

अब कांग्रेस के बागियों ने पार्टी की बढ़ाई चिंता, निर्दलीय मैदान में आने का लिया फैसला
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हल्द्वानी. जैसे ही कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की तो लिस्ट में छूटे नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। भाजपा के बाद कांग्रेस के नेताओं की बगावत से समीकरण बदलने लगे हैं। कांग्रेस ने शनिवार देर रात अपनी सूची जारी की। उसके कुछ घंटे बाद ही बागेश्वर विधानसभा में बगावत सामने आ गई। साल 2017 विधानसभा चुनाव में बालम बालकृष्ण ने कांग्रेस के निशान से चुनाव लड़ा था। इस मर्तबा उन्हें 19 हजार वोट मिले थे, लेकिन जैसे ही रात में रंजीत दास के टिकट का ऐलान हुआ तो बालकृष्ण ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण पर टिकट कटवाने का भी आरोप लगाया है।

वहीं बात करें किसी विधानसभा सीट से तो कांग्रेस के दावेदार हरीश पनेरु ने टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव मैदान में आने का फैसला किया है. अनिरुद्ध सोशल मीडिया पर अनूठे अंदाज में खुद को नेता जी बताते हुए कांग्रेस पार्टी के सभी प्रत्याशियों को जीत की अग्रिम बधाई देते हुए लिखा कि 'वक्त कम है साजिशें ज़्यादा, लड़ना तो तय है, जब कर लिया इरादा।

उनके इस पोस्ट के बाद उनकी निर्दलीय रूप से मैदान में आने की संभावनायें तेज हो गई हैं।  अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को यहां पर भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

हरिद्वार में कांग्रेस से दावेदारी कर रहे अशरफी अब्बासी ने अपने साथियों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस मुस्लिमों को केवल वोट बैंक समझती है। पार्टी की नियत और बातों में भेदभाव साफ दिखाई दे रहा है। इसलिए उन्हें कदम को उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

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