उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बाजपुर को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस नेता जगतार सिंह बाजवा ने अपनी पत्नी सुनीता टम्टा बाजवा के साथ कांग्रेस छोड़ दी है.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बाजपुर को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस नेता जगतार सिंह बाजवा ने अपनी पत्नी सुनीता टम्टा बाजवा के साथ कांग्रेस छोड़ दी है. और आम आदमनी पार्टी आप का दामन थाम लिया है. बाजवा के आप शामिल होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल आर्य के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई है. दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल के समक्ष उन्होंने मंगलवार को आप की सदस्यता ग्रहण की है। आप में शामिल होने के बाद सुनीता टम्टा बाजवा ने कांग्रेस पर महिला विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में भी महिलाओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा है.
कौन हैं सुनीता बाजवा,, जिनके AAP में जाने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है.. सुनीता टम्टा बाजवा पीसीसी सदस्य थी और साल 2017 में कांग्रेस की प्रत्याशी भी थी। इस दौरान उन्होंने भाजपा प्रत्याशी यशपाल आर्य खिलाफ चुनाव लड़ कर 42329 वोट हासिल किए थे. इस बार भी टिकट की प्रबल दावेदार थी, लेकिन आखिरी समय में यशपाल आर्य ने कांग्रेस में वापसी की और बाजवा की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
यशपाल को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सुनीता टम्टा का खेमा नाराज हो गया.था. और उन्होंने चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया था. बाजपुर के सियासी घटनाक्रम पर आम आदमी पार्टी की नजर बनाए हुए थी. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रचार समिति के अध्यक्ष दीपक बाली ने काशीपुर में अपना नामांकन मंगलवार को किया। जिसके बाद बाजवा के साथ दिल्ली अरविंद केजरीवाल से मिलने रवाना हो गए थे।
उन्होंने मंगलवार देर शाम दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और सुनीता टम्टा बाजवा ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बाजपुर से सुनीता टम्टा के प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी यशपाल आर्य की मुश्किलों में इजाफा हुआ है. क्योंकि भाजपा एक संघर्षशील नेता के रूप में जाने जाते हैं. बाजवा ने कांग्रेस में रहकर कांग्रेस के लिए काफी संघर्ष किया और जमीन भी तैयार की थी. साथ ही किसान आंदोलन में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी।