मुनस्यारी विकास खंड के नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव नामिक में लगा मोबाइल टावर
सीमांत को संचार सेवा से जोड़ने की कवायद रंग लाने लगी है। मुनस्यारी विकास खंड के नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव नामिक में मोबाइल टावर तैयार हो चुका है। बिजली संयोजन से जुड़ते ही नामिक के ग्रामीण भी मोबाइल फोन से बात करने लगेंगे। ग्रामीणों में खुशी व्याप्त है।
नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नामिक गांव अभी तक संचार और सड़क से वंचित है। संचार, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर ग्रामीण कई बार आंदोलन कर चुके हैं। बीते वर्ष तो जिला मुख्यालय पहुंच कर ग्रामीणों ने अनशन तक किया था। 135 से अधिक परिवारों वाला नामिक गांव जैविक आलू और राजमा उत्पादक गांव है। आज के दौर में भी संचार सेवा से वंचित होने के कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
इधर भारत सरकार द्वारा चीन और नेपाल सीमा पर लगे संचार सेवा से वंचित गांवों सहित सीमा छोर के अंतिम गांवों को संचार से जोड़ने की कवायद चल रही है। बीते दिनों भारत सरकार के अधिकारियों ने धारचूला पहुंच कर स्थिति की जानकारी ली। सीमांत के संचार से वंचित 151 गांवों को संचार सेवा से जोड़ने के लिए प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस क्षेत्र में बीएसएनएल और एक निजी संचार कंपनी का टावर लगना हैं। नामिक गांव में निजी संचार कंपनी का मोबाइल स्थापित हो चुका है। बिजली का संयोजन दिया जा रहा है। ग्राम प्रधान तुलसी देवी ने सरकार से गांव को शीघ्र सड़क से जोड़ने और नामिक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की है। अन्य सुविधाओं को भी विस्तार देने की मांग उठाई है।