रानीखेत उपमंडल को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन फिर तेज़ हो गया है। रानीखेत विकास समिति के बैनर तले नागरिकों ने सायंकाल नगर में मशाल जुलूस निकालकर घोषित जिला रानीखेत के शीघ्र गठन की मांग की।
रानीखेत : रानीखेत उपमंडल (Ranikhet subdivision) को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन एक बार फिर तेज़ हो गया है। रानीखेत विकास समिति (Ranikhet Development Committee) के बैनर तले नागरिकों ने सायंकाल नगर में मशाल जुलूस निकालकर घोषित जिला रानीखेत के शीघ्र गठन की मांग की।
सुभाष चौक से मुख्य बाजार होते हुए विजय चौक तक निकाले गए मशाल जुलूस में नागरिक “आज दो, अभी दो – रानीखेत जिला दो” के नारे लगाते चल रहे थे।रानीखेत को जिला बनाए जाने की मांग वर्ष 1954 से लगातार उठती रही है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व में भी कई बार आंदोलन हो चुके हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने रानीखेत सहित चार नए जिलों की घोषणा की थी, लेकिन ये जिले अब तक अस्तित्व में नहीं आ सके।
अब 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले रानीखेत विकास समिति ने इस मुद्दे को फिर से उठाते हुए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। अब सबकी निगाहें सरकार के रुख पर टिकी हैं कि जिला गठन को लेकर क्या निर्णय लिया जाता है।मशाल जुलूस में भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन नेगी, एड. दिनेश तिवारी, भाजपा नेता गिरीश भगत, नगर पालिका अध्यक्ष अरुण रावत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैलाश पांडे, एड. प्रमोद पांडे, कमलेश बोरा, विमल भट्ट, मनीष चौधरी, सोनू, दीपक पंत, चंद्रशेखर गुर्राती, एल.डी. पांडे, यतीश रौतेला, जगदीश अग्रवाल, उमेश भट्ट, राजेंद्र प्रसाद पांडे, कुंदन सिंह बिष्ट सहित अनेक लोग शामिल रहे।