उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत शहर में 12 सितंबर को भारत की सबसे बड़ी ओपन-एयर फर्नी का उद्घाटन किया गया। यह फ़र्नरी बड़ी संख्या में फ़र्न प्रजातियों का घर होगी.
रानीखेत. भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है. क्योंकि भारत की कृषि ज़मीन को हर मौसम मिलता है, इस वजह से भारत में पौधों और जानवरों की बहुत सी प्रजातियां पाई जाती हैं. क्योंकि देश की भौगोलिक और मौसम की स्थिति विभिन्न प्रजातियों की वृद्धि और विकास के लिए काफी बेहतर है। उत्तराखंड के प्राकृतिक वन इनमें से कुछ को पोषित करने के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड में अनोखे ब्लैक-बेलिड कोरल स्नेक से लेकर क्रिप्टोगैमिक (cryptogramic ) प्रजातियों तक,, उत्तराखंड के जंगल वनस्पतियों और जीवों के लिए एक गुप्त केंद्र है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत शहर में 12 सितंबर को भारत की सबसे बड़ी ओपन-एयर फर्नी का उद्घाटन किया गया। यह फ़र्नरी बड़ी संख्या में फ़र्न प्रजातियों का घर होगी. जिनमें से कुछ राज्य के लिए स्थानीय हैं, तो वहीं कुछ फर्न औषधीय महत्व भी रखते हैं. जबकि कुछ खतरे वाली प्रजातियां भी हैं जिन्हे देखभाल और संरक्षण की ज़रूरत होती है.
फ़र्न वो पौधे होते हैं, जिनमे फूल तो नहीं लगते लेकिन उनकी बनावट की वजह से वह अपने आस पास के ecosystem का पोषण करता है, वहीं कई फ़र्न खाने और दवाई बनाने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
उत्तराखंड वन विभाग के संजीव चतुर्वेदी कहते हैं कि ""यह केंद्र फ़र्न प्रजातियों के संरक्षण और उनकी पारिस्थितिक भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने और आगे के शोध को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है,"
नवनिर्मित फ़र्नरी भारत की सबसे बड़ी फ़र्नरीज़ में से एक है। फ़र्नरी में फ़र्न प्रजातियों का सबसे बड़ा संग्रह है, जो केवल जवाहरलाल नेहरू ट्रॉपिकल बॉटनिकल गार्डन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (टीबीजीआरआई), तिरुवनंतपुरम के बाद दूसरे स्थान पर है। बता दें की ये fernery प्राकृतिक परिवेश में देश की पहली ओपन-एयर फेरनेरी है जो किसी पॉली-हाउस/शेड हाउस के अंतर्गत नहीं है।
रानीखेत की फ़र्नरी 1,800 मीटर की ऊँचाई पर चार एकड़ भूमि में फैली हुई है। एक मौसमी पहाड़ी नाला भी इससे होकर गुजरता है, जो पर्याप्त नमी प्रदान करता है, क्योंकि फर्न को बढ़ने और फैलने के लिए छाया और नमी की आवश्यकता होती है, और इसीलिए ये जगह एक ओपन-एयर फर्नेरी विकसित करने के लिए एक उपयुक्त स्थान है। फेरनेरी का निर्माण CAMPA योजना के तहत , उत्तराखंड वन विभाग की रिसर्च टीम द्वारा 3 साल के अवधि में हुआ है।
रानीखेत फ़र्नरी में 120 विभिन्न प्रकार के फ़र्न हैं। इसमें हंसराज जैसे औषधीय फ़र्न की लगभग 30 प्रजातियाँ भी हैं, जिनका आयुर्वेद में बीमारियों के उपचार के रूप में बहुत महत्व है। इनके अलावा, एपिफाइट, जलीय फ़र्न और अन्य सजावटी फ़र्न हैं , जैसे विषकन्या, मयूरशिखा, बोस्टन फ़र्न, लेडी फ़र्न, रॉक फ़र्न, बास्केट फ़र्न, लैडर फ़र्न, गोल्डन फ़र्न और हॉर्सटेल फ़र्न हैं।