खुमाड़ क्रांति दिवस..आजादी के आंदोलन में सल्ट के चार क्रांतिवीरों ने दिया था बलिदान

देश की आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के सल्ट क्रांतिकारियों की भी अग्रणी भूमिका रही थी

खुमाड़ क्रांति दिवस..आजादी के आंदोलन में सल्ट के चार क्रांतिवीरों ने दिया था बलिदान
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देश की आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड (Uttarakhand) के सल्ट क्रांतिकारियों (Revolutionaries) की भी अग्रणी भूमिका रही थी। 5 सितंबर 1942 को महात्मा गांधी के ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रेरणा से जन्मे सल्ट के क्रांतिकारियों ने अपने क्षेत्र में स्वाधीनता आन्दोलन की लड़ाई लड़ते हुए सल्ट क्षेत्र के ‘खुमाड़’ नामक स्थान पर चार क्रांतिकारी बलिदान हो गए थे।

इस आंदोलन से अंग्रेजों को भारत से भागने को मजबूर कर दिया था। इन्हीं बलिदानियों की याद में सल्ट के खुमाड़ में पांच सितंबर को कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं। देश की आजादी से पहले वर्ष 1942 से पहले वर्ष 1942 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ों और करो या मरो के नारे की सल्ट क्षेत्र में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई। सल्ट क्षेत्रवासियों की वीरता व एकजुटता से बौखलाकर पांच सितंबर 1942 को अंग्रेजी हुकूकम ने तत्कालीन एसडीएम जानसन (SDM Johnson) विद्रोह को कुचलने के लिए सशस्त्र पुलिस बल के साथ सल्ट भेजा।
 

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