IMPCL के कर्मचारियों ने उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए को प्रधानमन्त्री,आयुष मंत्रालय को पत्र भेजा।
UTTARAKHAND NEWS; अल्मोडा जिले के विकास खंड सल्ट के मोहान स्थित केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधीन इंडियन मेडिसिंस फार्मास्युटिकल कारपोरेशन लिमिटेड(Indian Medicines Pharmaceutical Corporation Limited) IMPCL के निजीकरण के विरोध में शुक्रवार को समर्थन देने पहुंचे उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं ने प्रदेश, केन्द्र सरकार के जल , जंगल जमीन को कब्जाने की निजीकरण की नीतियों का जमकर विरोध किया। बता दे IMPCL के कर्मचारियों ने उत्तराखंड क्रांति दल के नेताओं को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए को प्रधानमन्त्री,आयुष मंत्रालय को पत्र भेजा।
PMGSY राज्य स्तरीय अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट(PMGSY State Level Monitoring Council Vice Chairman Shiv Singh Bisht) ने कहा घामी सरकार इस दिशा मे तेजी से कार्य कर रही है।उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह घामी सरकार के नेतृत्व मुख्य मार्ग को गढ़ा मुक्त किया जायेगा । और प्रदेश की घामी सरकार के नेतृत्व में इस दिशा में प्रदेश भर में कार्य हो रहा है। बता दे उत्तराखण्ड में बरसात के कारण कई स्थान में सड़कें ख़राब हो जाती है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग,एन एच, प्रघानमंत्री सड़क योजना सहित मुख्य मार्ग , ग्रामीण सडकों में कार्य शूरू हो चुका है। उन्होंने कहा मेरा मानना है कि 15 नवम्बर से पहले लोक निर्माण विभाग,एन एच, प्रघानमंत्री सड़क योजना सहित सहित विभिन्न मांगों में गढ्ढा युक्त का कार्य पूर्ण हो जायेगा। बहरहाल प्रदेश की घामी सरकार इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के द्वारा प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए है लेकिन लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेशों का पालन करते हुए नजर नहीं आया। बता दे भतरौजखान से भिकियासैंण तक जगह गढ्ढे बने हुए हैं।और इस मार्ग से रोज सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। तो वही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण सहित बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। जहां गाड़ियों को आने - जाने में काफी दिक्कत होती है। लेकिन सड़क बदहाली के कारण वाहन चालकों, स्थानीय ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर करने को मजबूर रहते हैं।