फायर सीजन शुरू होने से पहले ही वन विभाग अलर्ट हो गया। बता दे उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने की वन विभाग की कोशिशें में कुछ खास कमाल दिखने जा रहा है।
ALMORA NEWS; फायर सीजन शुरू होने से पहले ही वन विभाग अलर्ट हो गया। बता दे उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने की वन विभाग की कोशिशें में कुछ खास कमाल दिखने जा रहा है।हालांकि वन विभाग अपनी तरफ से वनग्नि सुरक्षा(forest fire protection) के लिए नए-नए प्रयास करने में जुटा हुआ है। इसी एक प्रयास के तहत अल्मोडा जिले के विकास खंड सभागार भिकियासैंण में प्रभागीय वनाधिकारी भूमि संरक्षण रानीखेत जगमोहन सिंह रावत(Divisional Forest Officer Land Conservation Ranikhet Jagmohan Singh Rawat) के निर्देशन पर उप प्रभागीय वनाधिकारी रानीखेत रानीखेत राजकुमार के नेतृत्व में वन विभाग ने वन पंचायतों के सरपंचों, क्षेत्र जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रघान और स्थानीय ग्रामीणों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें आगामी फायर सीजन, जैव विविधता, वन पंचायत अघिकार सहित विभिन्न मुद्दों को चर्चा की गई, और वन पंचायतों की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की गई। उनमे से अधिकतर का मौके पर समाधान भी किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि जंगल में जलती बीडी,सिगरेट आदि न डालें।
तो वही दूसरी ओर अल्मोडा जिले स्याल्दे विकास खण्ड के इकूखेत में ग्रामीणों के साथ बैठक में कहा कि 15 दिनों के क्रमिक अनशन के बाद विभाग और तहसीलदार स्याल्दे के साथ संयुक्त वार्ता की गई थी। लेकिन वार्ता में 11 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद अनशन स्थगित कर दिया गया था। लेकिन दो माह पूरे हो चुके हैं। लेकिन अब तक धरातल पर कोई कार्रवाही नहीं हो सकी है। जिस संबंध में ग्रामीणों ने कहा मांगरुखाल- तनशालीसैण- कालिंका मोटर मार्ग, स्थाई राजधानी गैरसैंण, मूलनिवास, भू-कानून, जड़ी-बूटी उद्योग, गौसदन, बिजली सबस्टेशन बनाने, इकूखेत मे पॉलिटेक्निक और सामुदायिक भवन, जंगली जानवरों से फसलों को बचाने आदि मांगों को लेकर क्रमिक अनशन किया था। और ग्रामीणों ने कहा कि तय समय में 11 सूत्रीय मांगों के पूरा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।