देवभूमि में शराब पीकर दो टीचरों ने स्कूल में किया ड्रामा, शराब पीकर पहुंचे स्कूल

 कपकोट क्षेत्र के ग्राम सभा हम्टी कापड़ी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षकों का शराब के नशे में धुत होने का मामला सामने आया है

देवभूमि में शराब पीकर दो टीचरों ने स्कूल में किया ड्रामा, शराब पीकर पहुंचे स्कूल
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Bageshwar News:- उत्तराखंड(Uttarakhand) के बागेश्वर(Bageshwar) जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां  कपकोट क्षेत्र के ग्राम सभा हम्टी कापड़ी स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय(primary school) में दो शिक्षकों का शराब के नशे में धुत होने का मामला सामने आया है. यह घटना तब सामने आई जब दोनों शिक्षक अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक में नशे की हालत में पहुंचे, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विद्यालय में अभिभावक-शिक्षक संघ(parent Teacher Association) की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सभी ग्रामीण और अभिभावक निर्धारित समय पर पहुंचे थे. लेकिन बैठक शुरू नहीं हो पाई, क्योंकि दोनों शिक्षक नशे की हालत में लड़खड़ा रहे थे.ग्रामीणों का आरोप है कि ये शिक्षक अक्सर शराब के नशे में विद्यालय आते हैं, जिससे न केवल स्कूल का माहौल खराब हो रहा है बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. जब अभिभावकों ने इन शिक्षकों से बैठक शुरू करने के लिए अनुरोध किया, तो उन्होंने नशे की हालत में लड़खड़ाते हुए जवाब दिया, जिससे वहां मौजूद लोग गुस्से में आ गए.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जिलाधिकारी आशीष भटगांई(District Magistrate Ashish Bhatgani) ने इस मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को दोनों शिक्षकों के निलंबन के आदेश दिए. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह की अनुशासनहीनता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन्होंने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.  
घटना के बाद ग्रामीणों में गुस्सा देखा जा रहा है. उनका कहना है कि इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि स्कूलों का नियमित निरीक्षण किया जाए और शिक्षकों की कार्यशैली पर नजर रखी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो.इस घटना ने बागेश्वर जिले में शिक्षा क्षेत्र की अनुशासनहीनता को उजागर किया है. प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कोई ठोस नीति बनाई जाती है या नहीं.

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