सेना में मिले हुनर से युवाओं को रोजगार के पंख दे रहे बागेश्वर के जगदीश

सेना अनुशासन सिखाती है और देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है। 17 कुमाऊं रेजीमेंट में नायक पद पर रहे जगदीश जोशी सेवानिवृत्त होने के बाद भी पहाड़ के युवाओं को स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बना रहे हैं। 

सेना में मिले हुनर से युवाओं को रोजगार के पंख दे रहे बागेश्वर के जगदीश
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सेना अनुशासन सिखाती है और देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है। 17 कुमाऊं रेजीमेंट (17 Kumaon Regiment) में नायक पद पर रहे जगदीश जोशी सेवानिवृत्त होने के बाद भी पहाड़ के युवाओं को स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बना रहे हैं। 

नौ साल पूर्व सेवानिवृत्ति के बाद सेना में मिले पैराग्लाइडिंग (Paragliding) के हुनर से वह आज युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनके प्रयास को राज्यपाल प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया है। बागेश्वर निवासी सेवानिवृत्त नायक जगदीश जोशी ने बताया कि 2016 में वह सेवानिवृत्त हो गए। सेवाकाल के दौरान वह सेना में पैराग्लाइडर थे। वापस घर लौटने के बाद उन्होंने साहसिक पर्यटन की राह चुनी। स्वयं के 15 लाख रुपये लगाकर पैराग्लाइडर खरीदे और युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण देना शुरू किया। 
 

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