स्थानीय लोग एनटीपीसी को इसका जिम्मेदार मान रहे है। बीते दिन जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने एनटीपीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनोखे ढंग से एनटीपीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
Uttarakhand News: इन दिनों जोशीमठ(joshimath) जमीन में दरारें और लोगों के दर्द से बदहाल है। पिछले 7 महीने मे जोशीमठ की 9 सेमी जमीन धस गई इतना ही नहीं हाल ही में आई नई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बीते 12 दिनों में 5.7 सेमी का भू-धसाव हुआ है और यह आकड़ा काफी दराने वाला है।
आबादी और बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्यों से पर्वतीय शहरों में धारण क्षमता से अधिक दबाव बढ़ रहा है। जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव(landslide) के पीछे शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण को भी वजह बताया जा रहा है। वही जोशीमठ के स्थानीय लोग एनटीपीसी(NTPC) को इसका जिम्मेदार मान रहे है। बीते दिन जोशीमठ के स्थानीय लोगों ने एनटीपीसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनोखे ढंग से एनटीपीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
आपको बता दे कि प्रशासन की ओर से भू-धसाव से प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है । लेकिन स्थानीय लोग सरकार की नीतियों और राहत-बचाव व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं। दरअसल बीते दिन स्थानीय लोगों सड़कों पर उतरे और एनटीपीसी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया इतना ही नहीं लोगों ने अनोखा विरोध करते हुए अपने घरों में, दुकान, गाड़ियों में एनटीपीसी के खिलाफ एनटीपीसी गो बैक के पोस्टर चिपकाने शुरू कर दिए हैं।
जोशीमठवासियों के मुताबिक जोशीमठ के ऐसे हालत का कारण नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन(National Thermal Power Corporation) हैं। परियोजना के लिए खोदी जा रही सुरंग की वजह से आज यह हालात पैदा हुए हैं ।