आजकल देशभर में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के देहरादून से सामने आया है, जहाँ एक शिक्षिका को साइबर ठगों ने 37 लाख की चपत लगा दी है।
आजकल देशभर में साइबर अपराध(Cyber crime) दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं, ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड(Uttarakhand) के देहरादून(Dehradun) से सामने आया है| जहाँ एक इंटर कॉलेज शिक्षिका को साइबर ठगों(Cyber thug) ने बीमा पॉलिसी(Insurance policy) में बदलाव कराने और भुगतान के नाम पर 36.99 की चपत लगा दी है। इस घटना के बाद से एसबीआई(SBI) की अकाउंट की निजता बनाए रखने पर सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि साइबर ठग को बीमा पॉलिसी बदलाव के बारे में कैसे पता चला।
जानकारी के अनुसार धोखाधड़ी को लेकर लाइन नंबर दो डांडा धर्मपुर देहरादून की रहने वाली राजेश्वरी रावत ने साइबर थाने में तहरीर दी जिसमे उन्होंने बताया कि वो चमोली(Chamoli) जिले के राजकीय इंटर कॉलेज नारायणनगर सिनाई थराली(Government Inter College Narayannagar Sinai Tharali) में प्रवक्ता हैं। उन्होंने अपनी बेटी दीपशिखा रावत के नाम से एसबीआई की थराली शाखा से बीमा पॉलिसी ली। जिसका एक बार में दो लाख रुपये प्रीमियम दिया और पॉलिसी के समय बताया गया कि उन्हें आगे कोई प्रीमियम नहीं भरना होगा लेकिन पॉलिसी को एक साल हुआ तो प्रीमियम जमा करने का अपडेट मिला। तब पता लगा कि एजेंट ने पॉलिसी के वक्त जो बताया उससे दूसरी पॉलिसी कर दी है। जिसके बाद महिला ने पॉलिसी में बदलाव के लिए एसबीआई थराली शाखा में आवेदन किया। महिला को पहली बार बीते 11 सितंबर को सचिन खरे नामक व्यक्ति ने फोन किया और बताया कि वो एसबीआई स्मार्ट वेल्थ बिल्डर पॉलिसी(SBI Smart Wealth Builder Policy) से फंड मैनेजर(Fund manager) हैं और उनकी पॉलिसी डॉ. प्रभु दयाल पाठक देख रहे हैं। इसके कुछ देर बाद एक दूसरे नंबर से फोन आया। और उसने अपना नाम प्रभु दयाल बताया। उसने झांसा दिया कि उनकी पॉलिसी की यूनिट वेल्यू 49.92 लाख रुपये है। इसके बाद पॉलिसी में कई लाभ और भुगतान का लालच देकर साइबर ठग गैंग के अलग-अलग आरोपियों ने शिक्षिका से अपने बैंक खातों में रकम जमा करवानी शुरू कर दी. बता दे, शिक्षिका ने ये रकम अपनी बेटी और दामाद के बैंक खाते से जमा की। वही साइबर थाने(Cyber police station) के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा(Deputy SP Ankush Mishra) ने बताया कि प्रवक्ता की तहरीर पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।