पिछले दो साल के स्वच्छता सर्वे पर गौर करें तो साल 2019 में दून 384वें नंबर जबकि साल 2020 में 124वें नंबर पर रहा। इस बार नगर निगम का लक्ष्य अंतिम सौ के भीतर आने का था।
शिक्षा का हब बन चुका देहरादून देश के स्वच्छ शहरों की रैकिंग में अभी तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया है। कभी नगर निगम के स्तर पर तो कभी नागरिकों के स्तर पर कमी रह गई। लेकिन इस बार नगर निगम ने व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया। यही वजह रही कि इस बार दून ने स्वच्छता रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई, और देश के 100 स्वच्छ शहरों में शामिल हो गया है। इस बार देहरादून को 82वीं रैंक मिली है। इससे पहले ये 124 थी। वहीं अगर राज्य की बात करें तो उत्तराखंड में दून पहले स्थान पर है।
पिछले दो साल के स्वच्छता सर्वे पर गौर करें तो साल 2019 में दून 384वें नंबर जबकि साल 2020 में 124वें नंबर पर रहा। इस बार नगर निगम का लक्ष्य अंतिम सौ के भीतर आने का था। नगर आयुक्त अभिषेक के मुताबिक नगर निगम के शहर में 32 शौचालय हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने गुप्त सर्वे में देखा कि शौचालयों में सफाई कैसी है, पानी की उपलब्धता है या नहीं या और शौचालय जनता के लिए खुले रहते हैं या नहीं। शहर के लिए अच्छी बात यह है कि कुछ शौचालयों को सर्वोत्तम पाया गया और सभी को स्वच्छ व सुलभ पाया गया। कहा जा सकता है कि देहरादून शहर अब खुले में शौच मुक्त हो गया है। यह दून में स्वच्छता की दिशा में बड़ा कदम है।