उत्तराखंड में फर्जी डॉक्टर डिग्री मामले में stf ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
Uttarakhand News: उत्तराखंड(Uttarakhand) में दसवीं पास डॉक्टर बन रहे है ,तो वहीं पांचवी पास फर्जी डिग्री(fake degree) से सरकारी अफसर बन रहे है। बता दे फर्जी डॉक्टर डिग्री मामले में STF ने बड़ी कार्यवाही करते हुए भारतीय चिकित्सा परिषद(Indian Medical Council) के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि STF ने फर्जी BMS डॉक्टर की डिग्री तैयार करने वाले मास्टर माइंड गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपी से STF ने कई फर्जी डिग्रियां, जाली दस्तावेज ,जाली मोहरें(forged documents, forged stamps) भी बरामद की हैं।
जानकारी के मुताबिक BMS की फर्जी डिग्री लेकर इलाज करने की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कई फर्जी डॉक्टरों को अरेस्ट किया था। ये सभी वो डॉक्टर थे, जो फर्जी डिग्रियां लेकर देहरादून(DEHRADUN) में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। पूछताछ के बाद पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया। आपको बता दे एक फर्जी डिग्री के साढ़े 6 लाख रुपये तक दिए जाते थे। वहीं STF ने फरार मुख्य आरोपी इमलाख(Imlakh) को गिरफ्तार कर लिया है। बता दे इमलाख ने अपने भाई के साथ मिलकर प्रदेश के कुल 36 लोगों को कर्नाटक(karnatak) के एक विश्वविद्यालय की डिग्रियां आठ से दस लाख में बेची हैं।
बताया जा रहा है कि इमलाख बाबा ग्रुप ऑफ कॉलेज(Baba Group Of College) का चेयरमैन(chairman) है और दसवीं पास है। जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया था। STF ने आरोपी को अजमेर(ajmer) से गिरफ्तार किया है। आरोपी मुजफ्फरनगर(muzaffarnagar) का हिस्ट्रीशीटर(history sheeter) है,जिसके ऊपर धोखाधड़ी मारपीट के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने 100 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां बांटी है। इतना ही नहीं आरोपी राजीव गांधी हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी(Rajiv Gandhi Health and Science University) कर्नाटका के नाम से भी फर्जी डिग्रियां दे रहा था ।