अब पेट्रोलिंग में भी ड्रोन के इस्तेमाल की योजना है। इसके लिए नए ड्रोन खरीदे जाएंगे। देहरादून में ड्रोन से यातायात प्रबंधन के प्रयोग का परिणाम सकारात्मक रहा है। ऐसे में पुलिस योजना बना रही है।
Dehradun: उत्तराखंड पुलिस(uttarakhand police) अब आपकी ओर से वसूले गए चालान के पैसों से ड्रोन(drone) खरीदने की तैयारियों में है । देहरादून(dehradun) में यातायात प्रबंधन के साथ अब ड्रोन से पुलिस पेट्रोलिंग(police patrolling) भी करेगी। बीते महीने यातायात पुलिस ने देहरादून में यातायात नियमों के उल्लंघन पर ड्रोन से कार्रवाई शुरू की है। ड्रोन कैमरे उल्लंघन पर फोटो खींचते हैं, जिनके आधार पर यातायात पुलिस चालान करती है। फिलहाल यातायात पुलिस एक अपना और एक प्राइवेट वेंडर(private vendor) का ड्रोन इस्तेमाल कर रही है। इसके साथ ही यातायात प्रबंधन में भी और भी कई तरह की निगरानी ड्रोन से की जा रही है। इस दौराण एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे(SP Traffic Akshay Prahlad Konde) ने बताया कि यह प्रयोग सकारात्मक रहा है। अब पेट्रोलिंग में भी ड्रोन के इस्तेमाल की योजना है। इसके लिए नए ड्रोन खरीदे जाएंगे। देहरादून में ड्रोन से यातायात प्रबंधन के प्रयोग का परिणाम सकारात्मक रहा है। ऐसे में पुलिस सभी जिलों में ड्रोन से चालान काटने और यातायात प्रबंधन की योजना बना रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन की आवश्यकता होगी। वहीं उत्तराखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब घर बनाने के लिए नक्शा पास करना आसान हो जायेगा। केवल पांच दिन के भीतर आर्किटेक्ट ही नक्शा पास कर देंगे। इसके लिए आपको कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी । उत्तराखंड आवास और नगर विकास प्राधिकरण इस पर विचार कर रहा है, जिसका प्रस्ताव जल्द ही तैयार होगा। जी हां सरकार लगातार आवास के नक्शे पास करने की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रयास कर रही है। साल 2019 के अगस्त महीने में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने ये फैसला लिया था कि पंजीकृत आर्किटेक्ट को 105 वर्ग मीटर तक के आवासों के नक्शे पास करने का अधिकार दिया जाए। इसी क्रम में अब प्राधिकरण से पास लेआउट और जमीनों पर सिंगल स्टोरी आवास बनाने का अधिकार आर्किटेक्ट को देने पर विचार चल रहा है। ऐसे में मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम 900 मीटर और पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम 7.5 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवनों के नक्शे आर्किटेक्ट पास कर सकेंगे। इसकी समयसीमा भी तय की जाएगी। फिलहाल पांच दिन के भीतर नक्शा पास करने पर विचार किया जा रहा है।