देहरादून में एक बार फिर विजिलेंस की टीम ने एक सर्वे लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है
देहरादून में एक बार फिर विजिलेंस (Vigilence) की टीम ने एक सर्वे लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आपको बता दे कि शिकायतकर्ता द्वारा भ्रष्टाचार (Corruption) की रोकथाम के लिए हैल्प लाईन नंबर (Helpline Number) के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता की ओर से साल 1991 में बंशीपुर हरबर्टपुर मे दो जमीनें खरीदी थीं, जो उनके नाम दर्ज थीं। जिनकी मौत 1996 को हो गयी थी, लेकिन दोनों जमीनों में अभी तक शिकायतकर्ता के परिवार के सदस्यों के नाम वारिस के रूप में दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे में वारिस में नाम दर्ज कराने के लिये करीब एक महीने पहले अपने क्षेत्र के पटवारी ओमप्रकाश को शिकायतकर्ता ने अपने बडे भाई कमल नेगी के नाम से एक प्रार्थना पत्र और बताये गये कागजात पटवारी ओमप्रकाश को दिये और जमीनों में वारिस मे नाम चढाने को कहा तो ओमप्रकाश की ओर से उससे 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग की जा रही थी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक रेनू लोहनी द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र में अंकित आरोपों का संज्ञान लेते हुए गोपनीय रूप से जांच करायी गयी । जांच के दौरान लगाये गये आरोप सही पाये गये । जिस पर एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम की ओर से सोमवार को आरोपी ओमप्रकाश को ट्रैप टीम द्वारा शिकायतकर्ता से दस हजार रूपये की रिश्वत ग्रहण करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। वहीं मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया । वहीं ट्रैप टीम के उत्साह वर्धन के लिए निदेशक सतर्कता महोदय की ओर से नगद इनाम से पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की गयी है ।