Uttarakhand News: आप सभी ने महिलाओ के बड़े-बड़े कारनामो के चर्चे तो खूब सुने होंगे लेकिन इन कारनामो के बदले महिलाओ को जो सम्मान मिलना चाहिए वो शायद कही पीछे ही रह जाता है।
Uttarakhand News: आप सभी ने महिलाओ के बड़े-बड़े कारनामो के चर्चे तो खूब सुने होंगे लेकिन इन कारनामो के बदले महिलाओ को जो सम्मान मिलना चाहिए वो शायद कही पीछे ही रह जाता है। उत्तराखंड की महिलाए भी सशक्त रूप से काम करते हुए आगे बढ़ती जा रही है लेकिन उन्हें जरुरत है तो उस सम्मान की जिसको पाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। ऐसी ही एक मेहनती और सशक्त वीरांगना थी उत्तराखंड(uttarakhand) की तीलू रौतेली(teelu rauteli) जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में ही हाथो ने चुड़िया निकाल हथियार थाम लिए थे और रणभूमि ने ना जाने कितने क्रूर राजाओ को चुनौती दी और पराजय किया। और 22 साल की उम्र में ऐसी ही एक लड़ाई में उन्होंने अपनी जान गवाई। लेकिन उत्तराखंड के लिए दिए गए बलिदान के लिए उन्हें हमेशा याद करा जाता है और आज उनकी जयंती पर उत्तराखंड में उम्दा काम करने वाली कुछ महिलाओ को सम्मानित किया जाने वाला है और पुरस्कृत किया जाएगा।
महिला सशक्तीकरण(women empowerment) और बाल विकास विभाग ने उनके जन्म दिवस पर दिए जाने वाले राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सम्मान पुरस्कारों की घोषणा की थी।
आज देहरादून(dehradun) में होने वाले समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 12 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सम्मान पुरकार प्रदान किए जाएंगे।
तीलू रौतेली पुरस्कार से जो महिलाए सम्मानित की जाएंगी उनमे अल्मोड़ा की डा. शशि जोशी, बागेश्वर की दीपा आर्य, चमोली की मीना तिवाड़ी, चम्पावत की मंजूबाला, देहरादून की नलिनी गोसाईं, हरिद्वार की प्रियंका प्रजापति, नैनीताल की विद्या महतोलिया, पौड़ी की सावित्री देवी, पिथौरागढ़ की दुर्गा खड़ायत, रुद्रप्रयाग की गीता रावत, उत्तरकाशी की लता नौटियाल और उधम सिंह नगर की प्रेमा विश्वास के नाम शामिल है।