उत्तराखंड के चुनावी समर में मुद्दों की सियासत के बीच कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है । अब बाकी सियासी दलों की भाजपा पर नजर है।
उत्तराखंड के चुनावी समर में मुद्दों की सियासत के बीच कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है । अब बाकी सियासी दलों की भाजपा पर नजर है। पहले भाजपा दो फरवरी को घोषणापत्र लेकर आने का एलान कर चुकी थी। अब उसने अपनी रणनीति में कुछ बदलाव किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का दावा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी मतदाताओं के बीच जो दृष्टिपत्र लेकर आई थी, प्रदेश सरकार उसके सभी वादे पूरे कर दिए हैं। उनके मुताबिक, जिस दिन पार्टी घोषणा पत्र लेकर आएगी, उस दिन वह अपने पिछले घोषणापत्र का रिपोर्ट कार्ड भी रखेगी। कौशिक का कहना है कि एक-दो दिन में पार्टी का घोषणापत्र आ जाएगा। लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अभी यह तय नहीं हो पाया है कि किस दिन घोषणा पत्र जारी किया जाएगा।
वही दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश संगठन महामंत्री मथुरादत्त जोशी के मुताबिक, कांग्रेस ने जनता के सामने अपना घोषणापत्र रख दिया है। घोषणापत्र में राज्य के विकास, रोजगार, खेती, किसानी और आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक सरोकारों को जोड़ते हुए मुद्दे शामिल किए गए हैं। हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर घोषणापत्र लाया गया है। घोषणापत्र में सभी ज्वलंत मुद्दे शामिल हैं।
सियासी जानकारों के मुताबिक, अब सबकी निगाहें भाजपा के दृष्टिपत्र पर लगी है कि उसमें ऐसा क्या होगा, जो वह कांग्रेस के घोषणापत्र से अलग होगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक कहते हैं कि घोषणापत्र में उत्तराखंड को 2025 तक देश का अग्रणीय राज्य बनाने का विजन होगा, जो कांग्रेस के घोषणापत्र में कहीं दिखाई नहीं देता है।