हिल स्टेशन लैंसडौन को उत्तराखंड के पर्यटन नक्शे पर खास छवि के लिए जाना जाता है. हर वीकेंड बड़ी तादाद में पर्यटक इस हिल स्टेशन का रुख करते हैं.
हिल स्टेशन लैंसडौन (Landsdowne) को उत्तराखंड के पर्यटन नक्शे पर खास छवि के लिए जाना जाता है. हर वीकेंड बड़ी तादाद में पर्यटक इस हिल स्टेशन का रुख करते हैं. यहां कुदरत के बिखरे हुए नज़ारे और सौंदर्य हर किसी का मन मोह लेते हैं । लैंसडौन नगर गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifals) का मुख्यालय होने के साथ ही उत्तराखंड में सांस्कृतिक व कला के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखता है ।
तो वही अब लैंसडौन शहर का नाम बदली करने को लेकर फिर राजनीति गरमा गई है आपको बता दे कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने शहीद जनरल विपिन रावत (General Bipin Rawat) के नाम पर लैंसडौन शहर का नाम बदलने की मांग की है। बता दे पहले लैंसडौन को ” कालोडान्डा” के नाम से जाना जाता था।
तो वही आपको बता दे कुछ दिन पहले चौबट्टाखाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को संबोधित किया था । कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने लैंसडाउन का नाम पूर्व सीडीएस शहीद बिपिन रावत के नाम पर रखने का आग्रह किया । जिस पर सीएम धामी ने सहमति जताई।
तो वही इस मामले मे लैंसडौन के क्षेत्रीय विधायक हन्त दिलीप सिंह रावत का कहना है कि अभी नाम बदलने में संशय है और इतना आसान नहीं है । साथ ही इसमे लैंसडौन निवासी और कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाई रावत का कहना है कि जनरल विपिन रावत जी को अवश्य सम्मान मिलना चाहिए।वह हमारे देश और पौड़ी के गौरव है।
तो वही अपकपो बता दे जहां एक तरफ लैंसडौन शहर का नाम बदलने को लेकर चर्चायें जोरों पर हैं लेकिन दूसरी तरफ जैसे गर्मियों के मौसम में इस शहर में पीने के पानी के लिए लोग तरस जाते हैं।जिसके लिए आजतक कोई प्रयास नहीं किये गये। साथ ही यहाँ पर स्वास्थ्य सेवाये भी लगभग शून्य ही साबित हो रही हैं । आपको बताया दे ये बात लैंसडौन विधायक खुद भी बहुत बार स्वीकार कर चुके हैं। साथ ही यहाँ पर्यटन के नाम पर बीते इन 11 सालों में कुछ नहीं हो पाया है । ऐसे मे लोगों का कहना है कि लैंसडौन का नाम बदलने की जगह शहर का समुचित विकास होना चाहिए । नाम बदलना इतना महत्वपूर्ण नहीं है।