दिवाली को रोशन करने के लिए बाजार में मिट्टी के दीये आ चुके हैं,टेराकोटा के दीये के साथ लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और बरसों से प्रचलित सजावटी मूर्तियों को लेकर बाहर के कुम्हारों ने शहर में डेरा डाल लिया है
Haldwani News: दिवाली(diwali) को रोशन करने के लिए बाजार(haldwani market) में मिट्टी के दीये आ चुके हैं। इसके अलावा टेराकोटा के दीये के साथ लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति और बरसों से प्रचलित सजावटी मूर्तियों को लेकर बाहर के कुम्हारों ने शहर में डेरा डाल लिया है। बरेली रोड(bareily road) में लगभग एक किमी हाई-वे पर तंबू लगाए बैठे दुकानदारों के वहां पहाड़ी क्षेत्रों से लोग अपनी दुकानों के लिए खरीदारी के लिए पहुंचने लगे हैं। कारोबारियों में उत्साह नजर आ रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार कारोबार में चमक आएगी। हलांकि पिछली बार की अपेक्षा मिट्टी महंगी होने की वजह से इस बार आपको जेब ज्यादा ढ़ीली करनी होगी। डिजाइनर दीये भी थोड़े महंगे होने के बावजूद लुभा रहे हैं। मिट्टी के गुल्लक और मूर्तियां पर पर्मानेंट पेंट के इस्तेमाल के कारण दिवाली के बाद भी बेकार नहीं होंगे। इन्हें सजावट के तौर पर भी रखा जा सकता है। मिट्टी की दीये ने एक बार फिर बाजार पकड़ा है। घरों में रहकर मिट्टी बर्तन गढ़ने का पुश्तैनी काम कर रहीं महिलाएं इससे आर्थिक स्वावलंबन हासिल कर रही हैं। इन कुम्हारों के पास नौ, तेरह, 15 दीयों की थाली मंदिर में लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा से साथ सजे दीये, हैंगिंग दीये, मिट्टी के झूमर, घंटी, लालटेन, नाइट लैंप का खूबसूरत संग्रह मौजूद है। फिलहाल पहाड़ों के दुकानदारों का खरीदारी को आना शुरू हो गया है और अब त्योहारी माहौल में शहर रंग चुका है।