हल्द्वानी की सबसे पुरानी गलियों में शुमार मटर गली से आप कभी न कभी जरूर गुजरे होगे। यहां दूर दूर तक आपको मटर नहीं दिखेगी बल्कि इस तंग गली में कपड़े, जूते, इलेक्ट्रोनिक आइटम, दुकानों की भरमार मिलेगी।
Cloth trade in Haldwani's Matar Gali, hashish trade under the guise!:- हल्द्वानी की सबसे पुरानी गलियों में शुमार मटर गली से आप कभी न कभी जरूर गुजरे होगे। यहां दूर दूर तक आपको मटर नहीं दिखेगी बल्कि इस तंग गली में कपड़े, जूते, इलेक्ट्रोनिक आइटम, लस्सी, जूस की दुकानों की भरमार मिलेगी। लेकिन बुधवार को जो हुआ उसने मटर गली के पूरे इतिहास को ही बिगाड़ दिया जी हाँ हल्द्वानी की जिस ऐतिहासिक गली में शहर कांग्रेस का दफ्तर स्वराज आश्रम हो, जिस गली में पौराणिक महत्व वाला मंदिर हो और न जाने पुरातन हल्द्वानी की कितनी ही शानदार यादों की गवाह मटर गली रही हो…उस गली में कपड़े की दुकान के आड़ में चरस बिकती मिली।
आपको बता दे पुलिस और एसओजी की टीम ने दुकान में काम करने वाले गांधीनगर निवासी कालू चौहान की निशानदेही पर दुकान के बाहर शेरवानी और कोट के स्टैंड के पीछे छुपाए बैग से 764 ग्राम चरस के साथ चरस बेचकर कमाए 35,550 रुपए भी बरामद किए। तो वही पुलिस के आने से पहले ही चरस तस्करी का मुख्य आरोपी दुकान मालिक गांधीनगर निवासी नरेश पासवान मौके से फरार हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, मटर गली में एंजल कलेक्शन नाम की कपड़ों की दुकान में काम करने वाले कालू चौहान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि नरेश उसे चरस लाकर देता था, जिसे वो छोटी-छोटी गोलियां बनाकर बेचने का काम करता था।
ऐसे में आप समझ सकते हैं कि हल्द्वानी में नशा और नशा तस्करों के पैर किस कदर जम चुके हैं। चरस के साथ साथ हल्द्वानी में स्मैक, नशे के इंजेक्शन का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। पुलिस भले एक दो मामले पकड़ ले लेकिन नशे के गर्त में धंसते शहर की सच्चाई बड़ी डरावनी है। जिसमें बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है।