जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल ने दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है साथ ही तत्कालीन बनभूलपुरा थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए
जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरीश कुमार गोयल (District and Sessions Judge Harish Kumar Goyal) ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है साथ ही न्यायाधीश ने इस प्रकरण में पुलिस की लापरवाही पर नाराज़गी जताते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक को तत्कालीन बनभूलपुरा (Banbhulpura) थानाध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मामले से जुड़े तथ्यों के अनुसार पीड़िता ने 2 दिसंबर 2019 को बनभूलपुरा थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में बताया गया कि साल 2017 में भारत मैट्रीमोनियल साइट के माध्यम से उसकी पहचान आरोपी से हुई, जिसके बाद आरोपी ने शादी का विश्वास दिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में शादी से मुकर गया | जिला जज ने माना कि 2 दिसंबर की शिकायत के बावजूद पुलिस ने तत्काल एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की.. जो सीआरपीसी की धारा का उल्लंघन है। पुलिस (Police) की देरी के कारण एफआईआर 4 जनवरी 2020 को दर्ज हो सकी।अदालत ने ‘ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए पुलिस महानिदेशक (Director General of police) से ये सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदेश में यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामलों में तत्काल FRI दर्ज की जाए।