म्यूरल्स से सजेगी हल्द्वानी की दीवारें, उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराएगा गेट वे ऑफ कुमाऊं

काठगोदाम में सड़क किनारे दोनों दिवारों पर म्यूरल्स बनाए जा रहे है। इसमें उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी।

म्यूरल्स से सजेगी हल्द्वानी की दीवारें, उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराएगा गेट वे ऑफ कुमाऊं
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Haldwani News: काठगोदाम (Kathgodam) में सड़क किनारे दोनों दिवारों पर म्यूरल्स (Murals) बनाए जा रहे है। इसमें उत्तराखंड (Uttarakhand) की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इससे राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने आने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड की संस्कृति, रहन सहन के दर्शन हो सकें।

राष्ट्रीय खेलों (National games) के शुरू होने से पहले गेट वे ऑफ कुमाऊं (Gateway of Kumaon) यानी काठगोदाम में आपको सड़क के दोनों ओर न केवल उत्तराखंड की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी बल्कि यहां उत्तराखंड के वन्यजीव और साहसिक पर्यटन से जुड़ी कलाकृतियां भी नजर आएंगी। इसे ऐसे तैयार कराया जा रहा है ताकि राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने आने वाले खिलाड़ियों को उत्तराखंड की संस्कृति, रहन सहन और जीवन के दर्शन हो सकें।

28 जनवरी से गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम (International Stadium at Gaulapar) में राष्ट्रीय खेल होने हैं। इससे पहले हल्द्वानी से लेकर गौलापार तक को संवारने की पहल की जा रही है। सड़क चौड़ीकरण के साथ-साथ चौराहों के सौंदर्यीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है। इसी क्रम में काठगोदाम में सड़क चौड़ीकरण के बाद दोनों ओर की दीवारों को भित्ती चित्र से सजाया जा जा रहा है।इन दीवारों पर रिलीफ आर्ट के माध्यम से सीमेंट के म्यूरल्स तैयार किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से म्यूरल्स बनाने पहुंचे द्रोण, सत्यानंद, भरत और कुंदन आदि ने बताया कि उनकी 20 युवाओं की टीम इस कार्य को कर रही है। इन म्यूरल्स में कुमाऊं और उत्तराखंड की संस्कृति के अलावा वेशभूषा, साहसिक पर्यटन, प्रकृति, पहाड़ की सुंदरता, पहाड़ का पहनावा, लोकनृत्य, कुमाऊंनी आर्ट, पहाड़ के आभूषण, वन्यजीव, वनस्पति के दर्शन होंगे। कलाकार अभी सीमेंट से म्यूरल्स बना रहे हैं। इनके तैयार होने और सूखने के बाद इनमें रंग भरा जाएगा।

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