झांसी के एक अस्पताल में हुई आग दुर्घटना के बाद हल्द्वानी में अस्पतालों की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की सख्त जांच शुरू कर दी गई है।
झांसी के एक अस्पताल में हुई आग दुर्घटना के बाद हल्द्वानी (Haldwani) में अस्पतालों की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की सख्त जांच शुरू कर दी गई है।आज सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई (City Magistrate AP Bajpai) और सीएफओ गौरव किरार (CFO Gaurav Kirar) के नेतृत्व में प्रशासन और दमकल विभाग की टीम ने हल्द्वानी के महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान अस्पताल की अग्नि सुरक्षा सुविधाओं और कर्मचारियों की प्रशिक्षण व्यवस्था की पोल खुल गई।
बता दें निरीक्षण के दौरान पाया गया कि महिला चिकित्सालय के कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में न के बराबर प्रशिक्षण मिला हुआ था। सीएफओ गौरव किरार ने कहा कि पंप हाउस चलाने वाला कर्मी मौके पर मौजूद नहीं था और जो कर्मचारी मौके पर मिले उन्हें पंप हाउस चलाने का प्रशिक्षण नहीं था , न ही फायर हाईड्रेंट के बारे में पता था। कर्मचारियों को पता ही नहीं था कि स्मोक अलार्म कैसे काम करता है और इसके बजने पर क्या किया जाना चाहिए। वहीं अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्र महज शो पीस का काम कर रहे हैं, कुछ रिफिल नहीं पाए गए तो कुछ अपनी समय सीमा पूरी कर चुके हैं। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई का कहना है कि शहर के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है। इस जांच में अस्पतालों द्वारा एनओसी के पालन, कर्मचारियों को दी गई प्रशिक्षण, पंप हाउस और स्टोरेज की स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी अस्पताल में खामियां पाई जाती हैं, तो प्रशासन उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा और उनका पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी बहरहाल देखना दिलचस्प होगा प्रशासन की ये कार्रवाई सफल हो पाती है या महज दो दिन की खानापूर्ति बनकर रह जाती है।