कुमाऊं कमिश्नर ने किया आयरन फाउंड्री का दौरा ,जानिए संरक्षण को लेकर क्या है सरकार का प्लान 

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कालाढूंगी स्थित ब्रिटिश काल में बनाई गई उत्तर भारत की सबसे पहली आयरन फाउंड्री का निरीक्षण किया।

कुमाऊं कमिश्नर ने किया आयरन फाउंड्री का दौरा ,जानिए संरक्षण को लेकर क्या है सरकार का प्लान 
JJN News Adverties

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने कालाढूंगी स्थित ब्रिटिश काल में बनाई गई उत्तर भारत की सबसे पहली आयरन फाउंड्री (Iron Foundry) का निरीक्षण किया। साल 1858 में डेविड कंपनी ने कालाढूंगी कोटाबाग,खुरपाताल और मुक्तेश्वर में एक-एक आयरन फाउंड्री की स्थापना की और चारों जगह का नाम रुड़की रखा।

       इन आयरन फाउंड्री में पहाड़ों पर पाए जाने वाले काले पत्थर को निकाल कर गलाया जाता था और फिर उससे कच्चे लोहे का निर्माण किया जाता था। कालाढूंगी (Kaladhungi) क्षेत्र में काला पत्थर ज्यादा पाया जाता था जिस कारण यहाँ उत्तर भारत की सबसे बड़ी आयरन फाउंड्री का निर्माण किया गया था। मुख्यमंत्री ने इस आयरन फाउंड्री के संरक्षण और इसे पर्यटन क्षेत्र से जोड़ने के बारे में कहा था ,जिसके चलते आज कुमाऊं कमिश्नर ने आयरन फाउंड्री का निरीक्षण किया।

JJN News Adverties
JJN News Adverties