कुमाऊं कमिश्नर के तहसील कार्यालय में हुए निरीक्षण ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार से लेकर पटवारी और अमीन तक किसी के पास लंबित मामलों की सही जानकारी नहीं थी
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) के मंगलवार को तहसील (Tehsil) कार्यालय में हुए निरीक्षण ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार से लेकर पटवारी और अमीन तक किसी के पास लंबित मामलों की सही जानकारी नहीं थी | कमिश्नर द्वारा पूछे गए सवालों पर सभी अधिकारी एक-दूसरे का चेहरा देखते नजर आए। निरीक्षण के दौरान तहसील परिसर की पार्किंग अव्यवस्था, गंदगी और शौचालयों की खराब स्थिति पर कमिश्नर ने गहरी नाराजगी जताई और तुरंत व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। जब वो कोर्ट रूम पहुंचे तो लंबित मामलों, एक सौ तैंतालीस के प्रकरणों और बकाएदारों की सूची की जानकारी मांगी, तो अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
वहीं तहसील में निरीक्षण के दौरान शिकायत मिलने पर कमिश्नर ने तहसीलदार के साथ उत्तर उजाला स्थित कानूनगो (Kanungo) अशरफ अली के घर का निरीक्षण किया, जहां फाइलों और रजिस्टरों का बड़ा जखीरा मिला। जांच में सामने आया कि कानूनगो दफ्तर की जगह घर पर ही फाइलें रखता था और मौके पर जाने के बजाय घर बैठकर रिपोर्ट लगाता था | छापेमारी में सामने आया कि कानूनगो अशरफ अली पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। इस घटना ने तहसील प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कमिश्नर ने जिलाधिकारी (District Magistrate) को इस मामले की प्रशासनिक जांच कर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।