अब ग्रामीणों ने किसी तरह जीवन-यापन जारी रखने के लिए दो किमी की खड़ी पहाड़ी पर चढ़ाई का रास्ता चुना है।गांवों तक जरूरी सामान पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है।तो वहीं सामान की कमी के चलते दाम बढ़ गए हैं।
Landslide News: बारिश के समय में कई मार्ग भूस्खलन(landslide) के चलते बंद हो जाते है। वहीं ऐसा ही कुछ हाल हल्द्वानी(haldwani) से हैड़ाखान(haidakhan) मार्ग पर काठगोदाम(kathgodam) से करीब पांच किमी पर भी देखने को मिला। जिसके चलते सड़क पर मलबा भी आ गया। लेकिन बाद में मलबा हटाकर किसी तरह से सड़क खोल दी गई थी। पर बीती नौ नवंबर को भूकंप(earthquake) आने के बाद पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हो गया। और धीरे-धीरे पहाड़ी का एक हिस्सा नीचे आ गया। जिस वजह से मार्ग बंद होने वाली जगह से आगे करीब 45 किमी तक रास्ता बंद हो गया। इस मार्ग पर रौशिला, बसोली, पनिया मेहता, पनिया बोर, ओखलढूंगा, बढ़ेत, स्पोडा, हैड़ाखान, मुरखुड़िया, गाजा(raushil,basoli,paniya mehta,paniya bor,okhaldhunga,badet,haidakhan,gaza) समेत 120 गांव आबाद हैं जिनमें करीब 20 हजार की आबादी रहती है। लेकिन भूस्खलन के बाद से ये लोग पूरी तरह से संकट में आ गए हैं।
वहीं पिछले दिनों भू-वैज्ञानिकों(geoscientist) ने मौका मुआयना किया। जिसकी प्राथमिक जांच में पाया गया कि मलबा हटाने से समस्या और बढ़ सकती है, इसलिए जेसीबी(jcb) से मलबा हटाने का काम रोक दिया गया । साथ ही पहाड़ी का झुकाव भी नीचे की ओर है। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि इस पहाड़ी का बड़ा हिस्सा नीचे ढह जाएगा। अगर इन दिनों बारिश हुई तो स्थिति को संभालना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
वहीं अब ग्रामीणों ने किसी तरह से जीवन-यापन जारी रखने के लिए दो किमी की खड़ी पहाड़ी पर चढ़ाई का रास्ता चुना है। गांवों तक जरूरी सामान पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है।तो वहीं सामान की कमी के चलते दाम बढ़ गए हैं। जिसमे घरेलू सिलिंडर(cylinder) 2000 रुपये,टमाटर(tomato) 100 रुपये किलो,आलू(potatao) 80 रुपये किलो मिल रही है। इसके आलावा पेट्रोल(petrol) और डीजल(diesel) 150 रुपये लीटर तक बिक रहा है।
वहीं डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल(D.M dheeraj singh garbyal) का कहना है कि हैड़ाखान रोड पर रास्ता सुचारू करने के लिए दो सड़कों पर विचार किया जा रहा है। जिसमे एक अमृतपुर(amritpur) से और दूसरी विजयनगर से पहाड़पानी(pahadpani) तक की सड़क को सुचारू किया जाएगा।