खुद को इंचार्ज बताने लगा और सीएम धामी का करीबी बताकर धौंस झाड़ने लगा इधर कुछ देर बाद दूसरा कर्मी एसके झा जो पहले बतौर इंचार्ज कार्यरत था कुछ देर बाद मौके पर पहुंचा और खुद को असली इंचार्ज बताने लगा
Haldwani News: हेली सेवा(helicopter service) प्रदाता कंपनी पवनहंस(pawan hans) हर बार किसी न किसी विवादों की वजह से सुर्खियों मे रहती है। वहीं इस बार शहर के गौलापार(gaula paar) स्थित स्टेडियम के समीप बनाए गए हेलीपेड(helipad) में इसका एक और उदाहरण सामने आया है। यहां दो व्यक्ति खुद को इंचार्ज बता रहे हैं जबकि प्रबंधन का कहना है कि ड्यूटी पर मौजूद न रहने की वजह से पहले कार्य कर रहे कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि दूसरा कर्मी नशे में टल्ली मिला और सवाल पूछने पर खुद को धामी का करीबी बताकर डराने-धमकाने लगा। पूरा मामला सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे का है जब रिपोर्टर अपनी कवरेज के लिए हेलीपेड पहुंचा यहां एक कक्ष में बैठा शख्स नशे में इस कदर चूर था कि न तो वह सही से खड़ा हो पा रहा था न ही बोल पा रहा था। हेलीपेड सेवा से संबंधित सवाल पूछने पर वह कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं था। काफी कोशिश के बाद वह किस पद पर कार्यरत है पूछने पर खुद का नाम अनिल उप्रेती(anil upreti) बताते हुए खुद को इंचार्ज बताने लगा और सीएम धामी(cm dhami) का करीबी बताकर धौंस झाड़ने लगा इधर कुछ देर बाद दूसरा कर्मी एसके झा(Sk jha) जो पहले बतौर इंचार्ज कार्यरत था कुछ देर बाद मौके पर पहुंचा और खुद को असली इंचार्ज बताने लगा। इस सवाल पर कि दोनों में कौन असली इंचार्ज है पूछने पर पता चला कि पहले इंचार्ज एसके झा को नवंबर माह में ही निष्कासित(expelled) किया जा चुका है। जिसका प्रमाण मौजूदा कर्मी अनिल ने कंपनी की तरफ से जारी पत्र दिखाया वहीं इस बात की तस्दीक के लिए कि दोनों में से आखिरकार कौन असली इंचार्ज है जब देहरादून(dehradun) स्थित पवनहंस कंपनी के जीएम सरबजीत सिंह(GM Sarabjit Singh) और एचआर ज्ञान प्रकाश(HR Gyan Prakash) को फोन किया गया। तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एस के झा को निलंबित कर दिया गया है। जबकि वर्तमान में अनिल उप्रेती ही इंचार्ज हैं बहरहाल इस पूरे मसले में न तो वहां ड्यूटी पर तैनात किसी पुलिस कर्मी को ही पता है और न प्रबंधन को कि आखिर कौन-सा कर्मचारी ऑन ड्यूटी है और कौन निलंबित ऐसे हालातों में एक तरफ जहां जिस कर्मी की तैनाती बताई जा रही है । वह शराब के नशे में चूर है और दूसरा जिसे निष्काषित कर दिया गया है वह जब मर्जी कार्यालाय आकर कार्य कर रहा है। ऐसे में अब हेलीपेड इंचार्ज जैसी भूमिका के निर्वहन, सुरक्षा और अन्य निमार्णाधीन कार्यों को लेकर यहां कोई समुचित प्रबंध नहीं है। ऐसे में यहां से उड़ाने भरने वाले यात्रियों ओर वीवीआइपी हेलीकाप्टर लैंड करने में खासी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा हेलीपेड में जिस कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य का जिम्मा दिया गया है, वह घरेलू सिलेंडर इस्तेमाल कर रही है। कार्य कर रहे मिस्त्री ने बताया कि ठेकेदार ने ही उपल्बध करवाया है। वहीं कार्य की गुणवत्ता भी बेहद खराब नजर आने पर सवाल पूछने पर कार्य कर रहे कर्मचारी मौके से चंपत हो गए। हेलीपेड के निकट चल रहे निर्माणकार्य स्थल पर बेतरतीब तरीके से चारों ओर वेल्डिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सिलेंडर चारों ओर फैले हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम मनीष कुमार सिंह(SDM Manish Kumar Singh) का कहना है कि नायब तहसीलदार को मौके पर भेजा जाएगा और जांच रिपोर्ट के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी, वहीं नियुक्ति का मामला कंपनी के प्रबंधन की जिम्मेदारी है अनावश्यक रुप से किसी और की ड्यूटी में किसी अन्य के हस्तक्षेप पर कंपनी को जांच करनी चाहिए।