महीने भर से प्लास्टिक सर्जन के न होने से मरीजों को ठीक से देखने वाला तक कोई नहीं है। सर्जन के अस्पताल छोड़ के जाने के बाद इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को तारीख नहीं मिल रही और मरीज बैरंग लौट रहे हैं
Haldwani News: कुमाऊं(kumaon) का सबसे बड़ा अस्पताल सुशीला तिवारी(sushila tiwari) आए दिन चर्चाओं में बना हुआ है । अब एक बार फिर ये अस्पताल चर्चाओं में आया है,दरअसल माइक्रोस्कोप मशीन(microscope machine) की खराबी के चलते जहां पिछले डेढ़ साल से ent विभाग में जटिल ऑपरेशन ठप हैं।
वहीं 9वहीं महीने भर से प्लास्टिक सर्जन(plastic surgeon) के न होने से मरीजों को ठीक से देखने वाला तक कोई नहीं है। सर्जन के अस्पताल छोड़ के जाने के बाद इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को तारीख नहीं मिल रही और मरीज बैरंग लौट रहे हैं और नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं।
वहीं अस्पताल में मरीजो की भारी भीड़ भी देखने को मिल रही है। साथ ही पहली मंजिल में मौजूद ईएनटी विभाग(E.N.T department) में भी मरीजों की संख्या अच्छी खासी थी लेकिन विभाग में डेढ़ साल से माइक्रोस्कोप मशीन खराब होने के कारण कान के जटिल ऑपरेशन नहीं हो रहे थे। जिसके चलते परेशन के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर जाना पड़ रहा है ।
वहीं मामले में कर्मचारियों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन(Medical College Administration) की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है लेकिन मशीन अब तक ठीक नहीं हो सकी है। ओपीडी(OPD) में करीब चार मरीज ऐसे भी पहुंचे जिनके कान के अंदर हड्डी में संक्रमण था लेकिन माइक्रोस्कोप मशीन खराब होने के कारण उन्हें लौटा दिया गया। यही नहीं मशीन के खराब होने से पीजी की ट्रेनिंग भी नहीं हो पा रही है।
इतना ही नहीं बल्कि प्लास्टिक सर्जन के न होने से ग्राफ्टिंग(grafting) भी बंद है,सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लास्टिक सर्जन की कमी मरीजों को परेशानी में डाल रही है। करीब एक महीने पहले ही सर्जन यहां से छोड़ कर चले गए तब से जले हुए गंभीर रोगियों की ग्राफ्टिंग यानि की जले हुए हिस्से में दूसरी जगह का मास लगाना नहीं हो पा रहा है । जानकारी के मुताबिक सर्जन नहीं होने से सर्जरी के लिए नए मरीज लिए नहीं जा रहे हैं, और जो पुराने मरीज हैं उन्हे आगे की तिथि दी हुई है ।