हल्द्वानी में सड़क हादसों ने 24 घंटे के भीतर तीन परिवारों के घरों के चिराग बुझा दिए। दो अलग-अलग हादसों में हरीश बृजवासी, चंदन सिंह और ऋषभ गैड़ा की असमय मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है।
हल्द्वानी में सड़क हादसों (road accidents) ने 24 घंटे के भीतर तीन परिवारों के घरों के चिराग बुझा दिए। दो अलग-अलग हादसों में हरीश बृजवासी, चंदन सिंह और ऋषभ गैड़ा की असमय मौत ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। तीनों अपने परिवारों के कमाऊ सदस्य थे, जिनकी मृत्यु ने परिजनों को गहरे दुख में डाल दिया है।
रविवार देर रात गौलापार क्षेत्र के देवला मल्ला और कुंवरपुर के बीच तुषार टेंट हाउस के पास दो बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों वाहनों का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे में चंदन सिंह और हरीश बृजवासी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दौलतपुर निवासी पवनेश कुलोरा गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें एक निजी अस्पताल (private hospital) में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। एसओ काठगोदाम विमल मिश्रा के अनुसार, मृतकों के शव पोस्टमार्टम (post mortem) के लिए मोर्चरी भेज दिए गए हैं। जिला पंचायत सदस्य के पति अर्जुन बिष्ट ने बताया कि दोनों बाइकों की गति बहोत तेज थी और हादसे के समय किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। दोनों युवक कास्तकारी करते थे और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। दोनों विवाहित थे और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। शनिवार रात गुलाबघाटी, भद्यूनी के पास ज्योलीकोट निवासी ऋषभ गैड़ा की मौत हो गई। अपने दोस्त मयंक के साथ बुलेट बाइक से जा रहा था, जब बाइक अनियंत्रित (uncontrolled) होकर क्रश बैरियर से टकराई और ऋषभ गहरी खाई में जा गिरा। गंभीर हालत में उसे डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मयंक की हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है। ऋषभ ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद ऋषिकेश के एक होटल में नौकरी शुरू की थी। वो दीपावली की छुट्टियों पर घर आया हुआ था। 18 साल पहले ही उसके पिता का निधन हो चुका था। अब इकलौते बेटे के निधन से मां किरन गैड़ा, जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं, पूरी तरह टूट चुकी हैं।