Haldwani News: uttarakhand स्थित haldwani में nainital high court के रेलवे की भूमि में हुए अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश के बाद जहां एक ओर ये मामला राष्ट्रीय फलक पर पहुंच चुका है
Haldwani News: uttarakhand स्थित haldwani में nainital high court के रेलवे की भूमि में हुए अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश के बाद जहां एक ओर ये मामला राष्ट्रीय फलक पर पहुंच चुका है। वहीं दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ banbhoolpura के लोग supreme court पहुंचे हैं। 5 जनवरी यानी आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है। इस बीच इस मामले पर उत्तराखंड के cm pushkar singh dhami ने कहा है कि सभी को न्यायालय पर विश्वास रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, कि "न्यायालय का जो भी फैसला आएगा। सरकार उसी हिसाब से काम करेगी। यह न्यायालय और रेलवे के बीच की बात है, राज्य सरकार इसमें कोई पार्टी नहीं है। उच्चतम न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, राज्य सरकार उस पर काम करेगी।"
वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई करेगा। रेलवे के मुताबिक उसकी भूमि पर 4,365 लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एस.ए. नजीर और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से मामले का जिक्र किए जाने के बाद इसे सुनवाई के लिए स्वीकार किया। याचिका में कहा गया है, ‘‘हाई कोर्ट ने रेलवे अधिकारियों द्वारा 7 अप्रैल, 2021 की कथित सीमांकन रिपोर्ट पर विचार नहीं किया है।’’ निवासियों ने दलील दी कि रेलवे और राज्य के अधिकारियों द्वारा अपनाए गए ‘‘मनमाने और अवैध’’ दृष्टिकोण के साथ-साथ हाई कोर्ट द्वारा इसे बनाए रखने के कारण उनके आश्रय के अधिकार का घोर उल्लंघन हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं जो स्पष्ट रूप से उनके वैध अधिकार को स्थापित करते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, स्थानीय निवासियों के नाम नगर निगम के रिकॉर्ड में गृह कर रजिस्टर में दर्ज किए गए हैं और वे नियमित रूप से गृह कर का भुगतान कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, क्षेत्र में लगभग 50,000 निवासियों का भाग्य, अधर में लटका हुआ है.स्थानीय निवासियों के अनुसार, 78 एकड़ क्षेत्र में पांच वार्ड हैं और लगभग 25,000 मतदाता हैं. बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और बच्चों की संख्या 15,000 के करीब है। 20 दिसंबर के हाई कोर्ट के आदेश के बाद, समाचार पत्रों में नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें लोगों को 9 जनवरी तक अपना घरेलू सामान हटाने का निर्देश दिया गया था. प्रशासन ने 10 ADM और 30 SDM-रैंक के अधिकारियों को प्रक्रिया की निगरानी करने का निर्देश दिया है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की क्या सुप्रीम कोर्ट बनभूलपूरा के लोगों के हित में फैसला सुनती है या फिर रेलवे के हित में।