बनभूलपुरा हिंसा के दौरान पुलिस के लिए देवदूत बने युवा

8 फरवरी को बनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक का बगीचा में अतिक्रमण ध्वस्त करने गई नगर निगम की टीम के साथ पुलिस फोर्स के जवान भी थे। आपको बात दें अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के दौरान हालात काबू से बाहर हो गए, लोगों..

बनभूलपुरा हिंसा के दौरान पुलिस के लिए देवदूत बने युवा
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8 फरवरी को बनभूलपुरा(Banbhulpura)क्षेत्र के मलिक का बगीचा में अतिक्रमण(Encroachment)ध्वस्त करने गई नगर निगम की टीम के साथ पुलिस फोर्स के जवान भी थे।अतिक्रमण ध्वस्तीकरण (demolition)के दौरान हालात काबू से बाहर हो गए, लोगों का विरोध उग्र होता चला गया और देखते ही देखते हिंसा(violence)शुरू हो गई | 

 

बनभूलपुरा क्षेत्र की सड़कों चारों तरफ से पत्थरों की बरसात और आगजनी (arson)के बीच फंसे पुलिस के जवानों को जान बचाना मुश्किल पड़ गया।भीषण उपद्रव मचा रहे लोगों के बीच कुछ युवकों ने इंसानियत(humanity)की मिसाल भी पेश की। गंभीर रूप से घायल हुए कुछ पुलिसकर्मियों को स्थानीय युवकों ने घरों के भीतर शरण दी साथ ही कई महिला पुलिसकर्मियों(policemen)को भी उपद्रव के दौरान इन युवकों ने हिंसा ग्रस्त क्षेत्र से निकलने में मदद की। बनभूलपुरा थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर मनोज यादव(Sub Inspector Manoj Yadav)और संतोष को भीड़ ने घेर लिया और भीड़ उन्हें मारने पर उतारू थी , इस दौरान कुछ युवक अपनी जान की परवाह ना करते हुए घायल पुलिस कर्मियों को वहां से निकालकर अपने घर ले गए और उनकी मरहम पट्टी की , जिसके बाद देर रात पहुची पुलिस फोर्स (Police force) घायल पुलिसकर्मियों को अपने साथ ले गयी।

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