सोमवती अमावस्या पर सुबह से हरिद्वार में गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. ब्रह्म कुंड से लेकर गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे है।
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या(Somvati Amavasya) पर हरिद्वार(Haridwar) में गंगा(Ganga) में आस्था की डुबकी(dip of faith) लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु(devotee) पहुंचे। हरकी पैड़ी(Harki Paidi) के ब्रह्म कुंड(Brahma Kund) से लेकर गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे है। इस बार सोमवती अमावस्या का स्नान बहुत ही दुलर्भ संयोग के साथ पड़ा है।
इंद्र योग में इस दिन स्नान, दान करने से पितृ तो प्रसन्न होते ही हैं उनका आशीर्वाद बना रहता है। ज्योतिषाचार्यों(astrologers) की माने तो इस दिन समस्त शिव परिवार और माता लक्ष्मी(Mata Lakshmi) की विशेष पूजा अर्चना का विधान है। इसमें सभी को परिवार समेत गंगा स्नान(Ganga bath) और देव दर्शन करने चाहिए।
इस बार सोमवती अमावस्या स्नान पर्व की महत्ता बताते हुए नारायण ज्योतिष संस्थान के आचार्य विकास जोशी ने कहा कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की अमावस्या तिथि आठ अप्रैल की सुबह तीन बजकर 31 मिनट पर शुरू हो गया है और इस तिथि का समापन इसी दिन मध्य रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर होगा।सोमवती अमावस्या बहुत ही दुर्लभ योग(rare combination) बन है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और पितरों का तर्पण भी करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।सोमवती अमावस्या के विशेष दिन पर समस्त शिव परिवार और माता लक्ष्मी को चावल की खीर का भोग अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और देवी-देवता प्रसन्न मुद्रा में मनोवांछित फल की कामना को पूरा करते हैं।वहीं, बड़ी संख्या में पर्यटकों(tourists) के पहुंचने से यहां वाहनों का भी भारी दबाव हो गया है। वीकेंड(Weekend) पर धर्मनगरी हरिद्वार में शनिवार से ही देश के कई राज्यों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, रविवार को भी सुबह से ही भीड़ में और बेतहाशा वृद्धि हो गई।यहां होटल(Hotel), आश्रम(Ashram) और धर्मशाला(Dharmshala) सब पूरी तरह पैक हो चुके हैं। सोमवती अमावस्या को लेकर हालांकि ने 29 जोन और 39 सेक्टर में बांटकर सोमवती अमावस्या को संपन्न करने का पूरा प्लान तैयार किया था।