चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, जहां कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव आयोग ने सभा और रैलियों पर सख्ती की हुई थी. रविवार को आयोग ने समीक्षा बैठक की, इसके बाद राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है.
देहरादून. चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे वैसे प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ती जा रही है. जहां कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव आयोग ने सभा और रैलियों पर सख्ती की हुई थी. रविवार को आयोग ने समीक्षा बैठक की, इसके बाद राजनीतिक दलों को बड़ी राहत दी है. अब सभी राजनीतिक पार्टियां खुले मैदान और इंडोर में सभाएं करने पर लोगों की संख्या की बाध्यता खत्म हो गई है.
चुनाव आयोग ने कोविड संक्रमण के लगातार गिरते ग्राफ के बीच हालात की समीक्षा की. अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार उत्तराखंड में तैनात स्पेशल ऑब्ज़र्वर पर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव से मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट हो गया है. कि संक्रमण की दर काफी नीचे चली गई है. यहां तक कि 7 फरवरी से कक्षा 1 से 9 तक के स्कूल भी खुलने जा रहे हैं. इसके बाद आयोग ने 31 जनवरी की गाइड लाइन में संशोधन कर दिया है.
जाए गाइडलाइन्स के मुताबिक अब खुले मैदान और इंडोर में सभा करने पर लोगों की संख्या की बाध्यता को चुनाव आयोग ने हटा दिया है। अगले आदेश तक रोड शो, पदयात्रा, साइकिल, बाइक वाहन रैली पर प्रतिबंध जारी रहेगा लेकिन खुले मैदान में अब प्रत्याशियों के लिए 1000 लोगों की बाध्यता नहीं है। बल्कि खुले मैदान की क्षमता का 30% या उस जिले की डीएम की ओर से निर्धारित संख्या में नेता अपनी जनसभाएं कर पाएंगे।
किसी भी खुले मैदान या इनडोर की सभा के लिए प्रत्याशियों को चुनाव आयोग के समक्ष ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आयोग सभी आवेदनों के आधार पर सभी दलों के नेताओं को खुले या इनडोर हॉल में जनसभा के लिए मौका देगा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह मौका दिया जाएगा।