सिलक्यारा टनल हादसा बना वरदान , जानिए कैसे श्रमिक को मिला नया जीवन

सिलक्यारा हादसा एक श्रमिक के लिए वरदान बन गया। 24 साल के पुष्कर को नहीं पता था कि उसके दिल में जन्म से ही छेद है| सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी श्रमिकों को जांच के लिए एम्स लाया गया था।

सिलक्यारा टनल हादसा बना वरदान , जानिए कैसे श्रमिक को मिला नया जीवन
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Silkyara tunnel : सिलक्यारा हादसा एक श्रमिक के लिए वरदान बन गया। 24 साल के पुष्कर को नहीं पता था कि उसके दिल में जन्म से ही छेद है। सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए सभी श्रमिकों को जांच के लिए एम्स लाया गया था। इसी दौरान पुष्कर के दिल में छेद होने की रिपोर्ट(Report) आई | पिछले साल नवंबर महीने में उत्तरकाशी(Uttarkashi) के सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे कुल 41 श्रमिकों में चम्पावत जिले(Champawat district) का पुष्कर सिंह भी शामिल था। 29 नवम्बर को सभी श्रमिकों को रेस्क्यू कर जब एम्स ऋषिकेश(AIIMS Rishikesh) पंहुचाया गया तो पुष्कर के स्वास्थ्य की भी चिकित्सकों द्वारा सघन जांच की गई थी।

 

स्वास्थ्य परीक्षण(Health checkup) के दौरान इको कार्डियोग्राफी(Echo cardiography) करते समय मौके पर मौजूद कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ. वरूण कुमार(Cardiologist Dr. Varun Kumar) ने पाया कि पुष्कर के दिल में छेद है। यह समस्या जन्मजात रोग के रूप में थी। 24 साल का पुष्कर रोजगार की तलाश में चम्पावत से उत्तरकाशी पंहुचा था, लेकिन पुष्कर अपनी इस बीमारी से अनजान था। एक हफ्ते पहले उसकी सर्जरी कर दी गई थी और अब पुष्कर स्वस्थ है साथ ही उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है। डाॅ. वरूण ने इस जानकारी को सीटीवीएस विभाग(CTVS Department) के वरिष्ठ सर्जन डाॅ. अंशुमान दरबारी से साझा किया।

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