हरिद्वार के ग्राम पदार्था उर्फ धनपुरा स्थित ऐतिहासिक दरगाह हज़रत सैय्यद बाबा मंसूर अली शाह पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण का आरोप लगाए जाने पर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।
हरिद्वार के ग्राम पदार्था उर्फ धनपुरा स्थित ऐतिहासिक दरगाह हज़रत सैय्यद बाबा मंसूर अली शाह पर प्रशासन द्वारा अतिक्रमण का आरोप लगाए जाने पर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। ग्रामीणों का कहना है कि दरगाह (Dargah) पूरी तरह वैध है और विवाद खसरा नंबर की गलत व्याख्या का परिणाम है।
प्रशासन ने हाल ही में दरगाह को खसरा संख्या 234, जोकी तालाब के रूप में दर्ज है उस पर स्थित बताकर अतिक्रमण की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया था। वहीं ग्रामीणों का दावा है कि दरगाह खसरा संख्या 231 में स्थित है, जो कब्रिस्तान की भूमि है और उत्तराखंड वक्फ बोर्ड (Uttarakhand Waqf Board) में विधिवत पंजीकृत है। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि पूर्व में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा कब्रिस्तान की चारदीवारी निर्माण के दौरान दरगाह की उपस्थिति को मान्यता दी जा चुकी है, ऐसे में इसे अवैध ठहराना ना केवल भ्रामक है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है | गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम हरिद्वार (SDM Haridwar) से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मांग की है की इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, जिसमें वक्फ बोर्ड,राजस्व विभाग और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। साथ ही ये भी सवाल उठाया कि वक्फ संपत्ति पर कार्रवाई करने से पूर्व वक्फ बोर्ड से अनुमति क्यों नहीं ली गई |