उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली में स्थित कैंची धाम मंदिर लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है. जहां मंदिर के संस्थापक बाबा नीम करौली महाराज को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है.
Miraculous stories of Baba Neem Karauli Maharaj; उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भवाली में स्थित कैंची धाम मंदिर(Kainchi Dham Temple) लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है. जहां मंदिर के संस्थापक बाबा नीम करौली महाराज(Baba Neem Karauli Maharaj) को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. तो वही बाबा की महिमा का गुणगान भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक में किया जाता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) और फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग(mark zuckerberg) के अलावा कई देश-विदेश की बड़ी हस्तियां बाबा के भक्तों में शामिल हैं. जानकारी के लिए बता दे हल्द्वानी-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग कैंची धाम स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज का आश्रम है. आश्रम पहाड़ के मनोरम दृश्यों के बीच बसा है. जिसमे बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव के ब्राह्मण परिवार में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा यूपी के एक गांव नीम करौली में कठिन तपस्या करके स्वयंसिद्धि हासिल की. जहां बाबा ने पहला आश्रम कैंची धाम नैनीताल जिले में जबकि दूसरा वृंदावन मथुरा में बनाया. इसके अलावा बाबा के कई अन्य छोटे आश्रम भी हैं. यही नहीं बाबा नीम करौली महाराज को 20 वीं सदी के महान संतों में माना जाता है.
मिली जानकारी के मुताबिक नीम करौली बाबा 1961 में पहली बार नैनीताल पहुंचे थे. जहां कैंची धाम मंदिर की स्थापना 1964 में की गई. और आज ये आश्रम देश विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. जहां हर साल 15 जून को विशाल मेला लगता है जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं.
यही नहीं बाबा नीम करौली महाराज के चमत्कार भी लोगों ने देखे हैं. कहा जाता है कि एक बार आश्रम में भंडारे का आयोजन हो रहा था. उस दौरान घी की कमी पड़ गई. जिसके बाद बाबा के आदेश पर आश्रम से नीचे बह रही नदी के पानी को प्रयोग किया गया. ऐसे में जो भी प्रसाद में पानी डाला गया उसने घी का रूप ले लिया. कहा जाता है कि बाबा के पास अपनी दिव्य शक्तियां थीं. बाबा कहीं भी प्रकट या लुप्त हो जाते थे. कहीं भी चलते-चलते बाबा गायब हो जाते थे. कहते हैं कि इस चमत्कार को उनके भक्तों ने कई बार देखा था. यहां तक कि जो भी भक्त आस्था से उनसे कामना करते हैं वो पूरी होती है।
साथ ही ये भी कहा जाता है कि एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की किस्मत भी बाबा के आशीर्वाद से ही पलटी है. स्टीव जॉब्स का कारोबार खत्म ही हो गया था. वो निराश थे. लेकिन जब किसी ने बाबा नीम करौली महाराज के बारे में उन्हें बताया. जिसके बाद वो बाबा नीम करौली की शरण में आए. वहां से उनकी किस्मत पलटी. ऐसा भी कहा जाता है की जब वो बाबा के दर्शन करने आए उस समय बाबा ब्रह्मलीन हो चुके थे. तब स्टीव जॉब्स ने यहां रह कर साधना की और बाबा का आशीर्वाद पाया. और क्योंकि बाबा नीम करौली महाराज को खाने में सेब पसंद था इसलिए स्टीव जॉब्स ने अपने ब्रांड का नाम एप्पल रखा।