नगर पालिका में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को ईपीएफ का लाभ नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है.
नैनीताल. नगर पालिका में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को ईपीएफ का लाभ नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है। कई बार नगर पालिका से इस संबंध में पत्राचार के बाद भी जब पालिका द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, तो क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के निर्देशों पर ईपीएफ अधिकारियों ने पालिका में छापेमारी की। इस दौरान ईपीएफ अधिकारियों ने पालिका का लेखा अनुभाग कक्ष सील कर दिया है। साथ ही जल्द कर्मियों के इपीएफ संबंधित दस्तावेज पेश करने के निर्देश दिए है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि हल्द्वानी के प्रवर्तन अधिकारी अमित अधिकारी ने बताया कि 2011 के बाद नगर निकायों को भी ईपीएफ के दायरे में शामिल कर लिया गया है। जिसमें नगर निकायों में कार्यरत सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को भी ईपीएफ का लाभ दिए जाने का प्रावधान है। 2011 के बाद से नगर पालिका नैनीताल में कई आउटसोर्स कर्मी कार्यरत तो है। मगर किसी भी कर्मी के ईपीएफ के संबंध में क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के पास कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
2018 में विभाग की ओर से पालिका को नोटिस जारी कर दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। मगर नगर पालिका द्वारा न तो अनुबंधित ठेकेदारों को लेकर कोई जानकारी दी गई और न ही कर्मियों को दिए जा रहे ईपीएफ को लेकर कोई दस्तावेज उपलब्ध कराए गए है। कई बार पत्राचार के बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आदित्य साह द्वारा ईपीएफ एक्ट के सेक्सन 13 और कोट ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 के तहत सर्च वारंट जारी किया गया था।
निर्देशो के बाद जब बुधवार को प्रवर्तन अधिकारी हितेश बब्बर, अमित अधिकारी, सहायक प्रवर्तन अधिकारी अमित बर्थवाल अन्य कर्मियों के साथ नगरपालिका दफ्तर पहुंचे। पालिका में छापेमारी की सूचना जब अधिशासी अधिकारी और अन्य कर्मियों को पता लगी तो उनमें हड़कंप मच गया। अवकाश होने के कारण विभागीय अधिकारियों को पालिका का लेखा अनुभाग बंद मिला। अधिशाषी अधिकारी द्वारा अवकाश होने के कारण लेखा अनुभाग बंद होने की जानकारी दी गयी।
अमित अधिकारी ने बताया कि नोटिस के आधार पर ईपीएफ संबंधित दस्तावेजों की जांच की जानी थी। मगर अनुभाग बंद होने के कारण दस्तावेज नहीं जांचे जा सके है। फिलहाल लेखा अनुभाग को सील कर दिया गया है। संबंधित दस्तावेज भविष्य निधि आयुक्त के सम्मुख प्रस्तुत करने के बाद ही लेखा अनुभाग खोला जाएगा।
इधर मामले में अशोक वर्मा का कहना है कि पालिका में आउट सोर्स के माध्यम से जो कर्मी कार्य करते हैं। उनको ईपीएफ का लाभ ठेकेदार द्वारा ही दिया जाता है। पूर्व में ईपीएफ कार्यालय द्वारा नोटिस मिलने के बाद संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही थी। फिलहाल क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त से पत्राचार कर दस्तावेज पेश करने के लिए समय के साथ ही अनुभाग खुलवाने की मांग की जाएगी।