सीटीआर के निदेशक जेसीबी के साथ केटीआर के मोरघट्टी वन विश्राम गृह परिसर में पहुंचे। और निर्माणाधीन चार आवासीय भवनों को ध्वस्त कर दिया। निदेशक ने बताया कि एनटीसीए के निर्देश पर उन्होंने यह कदम उठाया है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (ntca) की फटकार के बाद काॅर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन हरकत में आ गया है। काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के मोरघट्टी वन विश्राम गृह परिसर में निर्माणाधीन चार आवासीय भवन ध्वस्त कर दिए। इस मामले में वन विभाग को आठ नवंबर तक नैनीताल हाईकोर्ट में भी जवाब दाखिल करना है।
सीटीआर के निदेशक राहुल शनिवार को जेसीबी के साथ केटीआर के मोरघट्टी वन विश्राम गृह परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने निर्माणाधीन चार आवासीय भवनों को ध्वस्त कर दिया। निदेशक राहुल ने बताया कि एनटीसीए के निर्देश पर उन्होंने यह कदम उठाया है। एनटीसीए का मानना है कि ये भवन पर्यटकों के लिए बनाए जा रहे हैं हालांकि केटीआर के वन अधिकारियों के अनुसार ये भवन कर्मचारियों के आवास के रूप में बनाए जा रहे थे।
निदेशक ने स्पष्ट किया कि ध्वस्त किए गए निर्माण कार्यों का टाइगर सफारी से कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि कोटद्वार से करीब 30 किमी दूर काॅर्बेट टाइगर रिजर्व के केटीआर वन प्रभाग की पाखरों रेंज में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी का निर्माण कार्य चल रहा है। टाइगर सफारी के निर्माण के लिए अनुमति से अधिक संख्या में पेड़ काटे जाने और पुलों का निर्माण करने की शिकायत की जांच के लिए एनटीसीए की तीन सदस्यीय टीम ने 28 सितंबर को रामनगर, कालागढ़ होते हुए पाखरो व मोरघट्टी का निरीक्षण किया था।