लॉकडाउन के बाद कोरोना के मरीजों में आई कमी, STH में अब इतने कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीज

कोरोना की दूसरी लहर में देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब कोरोना के कम होते मामलो को देखते हुए राज्यों ने उसमें धीरे-धीरे ढील देने का काम शुरू कर दिया है।

लॉकडाउन के बाद कोरोना के मरीजों में आई कमी, STH में अब इतने कोरोना और ब्लैक फंगस के मरीज
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हल्द्वानी. कोरोना की दूसरी लहर में देश के सभी राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति बन गई थी। लेकिन अब कोरोना के कम होते मामलो को देखते हुए राज्यों ने उसमें धीरे-धीरे ढील देने का काम शुरू कर दिया है। वहीं कुमाऊं के सबसे बड़े अस्पताल सुशीला तिवारी में कोरोना काल में सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया. इस दौरान अस्पताल के प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर काफी सवाल भी खड़े हुए, लेकिन अनेक मरीज़ यहां से ठीक होकर अपने घर को भी गए हैं।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सीपी भैसौड़ा ने कोरोना काल में मरीजों के साथ दिन रात लगे हुए अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और स्टाफ की सराहना की है. उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू लगाने से कोरोना के केसों में कमी आई है. जिसके चलते आज सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में मात्र 150 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।

अब बात करते है ब्लैक फंगस के मरीज़ो की तो इस पर अस्पताल के सीनियर डॉ शहजाद का कहना है कि कोरोना काल में डॉक्टर सुशीला तिवारी अस्पताल में कुल 27 मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि की गई है. जिसमें से 11 ब्लैक फंगस के मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है जो अब काफी हद तक ठीक भी हो गए हैं. ब्लैक फंगस के कारणों को लेकर उनका कहना है कि आने वाले समय में फंगस पर शोध किए जाएंगे कि किस वजह से यह मानव शरीर में घातक सिद्ध हुआ।

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